कोविड के निर्देश के उल्लंघन पर झारखंड में दो साल तक जेल, एक लाख रुपये तक जुर्माना
कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए झारखंड सरकार ने सख्त निर्णय किया है। कोविड से संबंधित निर्देशों की अवहेलना करने पर दो साल तक जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। प्रदेश में पहले से ही घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य है। बुधवार को झारखंड कैबिनेट ने इससे संबंधित झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी।
झारखंड में अचानक कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। सोमवार को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना को लेकर सख्त कदम उठाने के संकेत दिए थे। उम्मीद की जा रही थी कि कैबिनेट की बैठक में सरकार कोई ठोस फैसला कर सकती है। संभावना फिर से लॉक डाउन की भी थी। इसे देखते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को ही सप्ताह में तीन दिन यानी शुक्र, शनि और रविवार को आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने की घोषणा कर दी। साथ ही व्यवसायियों से इसके अनुपालन और शारीरिक दूरी के मानक के पालन की अपील की।
कोरोना काल में बंदी के कारण पहले से व्यवसायी वर्ग की हालत खराब है। ऐसे में पूरी तरह लॉकडाउन होने पर संकट और बढ़ने की आशंका थी। समझा जाता है कि इसी संभावित परेशानी को ध्यान में रखते हुए झारखंड चैंबर ने सप्ताह में तीन दिनों की बंदी की घोषणा की। एक दिन रविवार को तो यूं ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहते हैं। इस तरह दो दिनों की बंदी से ही मामला सलट जायेगा। कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना से संबंधित आदेशों की अवहेलना की स्थिति में दंड के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं थे, इसी को ध्यान में रखते हुए अध्यादेश को मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन पर किसी भी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अधिकृत किया गया है। बैठक में कोरोना मसले पर चर्चा के बाद निर्णय लेने के लिए सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। बुधवार को सुबह की रिपोर्ट के अनुसार सूबे में 422 कोरोना पॉजिटिव के नये केस मिले इसके साथ ही कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़कर 6243 हो गई है।
बदल गया झारखंड का लोगो
इधर हेमंत कैबिनेट ने झारखंड के लोगो में फिर से बदलाव किया है। यह 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को इसे विधिवत जारी किया जायेगा। उसके बाद सरकारी काम-काज में इसका विधिवत इस्तेमाल शुरू होगा। इसका लंबे समय से इंतजार था। लोगो में झारखंड की पहचान पलास , हाथी और अशोक स्तंभ को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की सत्ता संभालने के साथ ही 29 दिसंबर 2019 को अपने कैबिनेट की पहली बैठक में झारखंड के लोगो में परिवर्तन का निर्णय किया था।
बता दें कि हेमंत सोरेन ने पूर्व मे ही फेसबुक पर पोस्ट कर लोगों से 11 फरवरी 2020 तक झारखंड के लोगो के संबंध में जनता से सुझाव मांगे थे। जिसमें कहा था कि हमारी मंत्रिपरिषद ने पहली बैठक ( 29 दिसंबर 2019) में नए लोगो के निर्माण का निर्णय लिया था जो हमारी समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतिबिंब हो। यह लोगो हम झारखंडवासियों की पहचान होगा इसलिए इसके निर्माण में आपकी भागीदारी अहम है। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही हेमंत सोरेन ने इस आशय का सुझाव लोगों से मांगने की घोषणा की थी। उस समय प्रतीक चिह्न में चार जे के बीच अशोक चक्र अंकित था।