मेट्रो के बाद अब मोदी सरकार ट्रेनों को चलाने की बना रही योजना
नई दिल्ली:देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसे लेकर गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों अनलॉक-4 की गाइडलाइन जारी कर दी है, जोकि देशभर में एक सितंबर से लागू हो गया है. इस अनलॉक-4 में मोदी सरकार अब ट्रेनों को चलाने की योजना बना रही है. वहीं, केंद्र सरकार ने सात सितंबर से मेट्रो संचालन को लेकर हरी झंडी दे दी है.
मेट्रो के बाद अब भारतीय रेलवे भी अपनी ट्रेनों को पटरी पर दौड़ाने के लिए तैयारी शुरू कर चुका है. त्योहारी सीजन को देखते हुए रेलवे जल्द ही 100 ट्रेनें और चलाने की घोषणा कर सकता है. फिलहाल रेलवे की ओर से 230 ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिनमें 30 राजधानी भी शामिल हैं. रेलवे इन ट्रेनों को ‘स्पेशल ट्रेन’ की तरह चला रहा है. सूत्रों का कहना है कि रेलवे नई ट्रेनों को भी ‘स्पेशल’ की तर्ज पर चला सकता है. इसके लिए गृह मंत्रालय की अनुमति का इंतजार है.
रेलवे का सामान्य करने की तैयारी
रेलवे को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. यात्रियों की जिन रूट पर सबसे अधिक मांग होगी वहां ट्रेनों को पहले चलाया जाएगा. दरअसल अनलॉक-4 में मेट्रो को चलाने की अनुमति गृह मंत्रालय की ओर से मिल चुकी है. 7 सितंबर से देशभर में मेट्रो को चलाया जा सकेगा. ऐसे में रेलवे ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. दूसरी तरफ त्योहारों का मौसम भी करीब है, ऐसे में ट्रेनों की डिमांड बढ़ जाती है.
रेलवे की विशेष तैयारी
ट्रेनों को शुरू किए जाने से पहले रेलवे इसकी बड़े स्तर पर तैयारी कर रहा है. ट्रेनों में बाथरूम, सीट और हैंडल की लगातार सफाई की जा रही है. सैनिटाइजर की मदद से उन जगहों की ज्यादा सफाई की जा रही है जहां ज्यादा लोगों का आना होता है. इसके अलावा स्टेशन परिसर में भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. ट्रेन के बाथरूम में छिड़काव किया जा रहा है ताकि मच्छर पैदा ना हो.
22 मार्च से बंद हैं ट्रेनें
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच संक्रमण को रोकने के लिए 22 मार्च से पैसेंजर ट्रेनों और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था. यह पहला मौका है जब देश में रेल सेवाएं रोकी गई हैं. हालांकि देश में जहां तहां फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं. 12 मई से राजधानी के मार्ग पर कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं और फिर 1 जून से 100 जोड़ी ट्रेनें शुरू की गई थीं.