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अनलॉक पर पीएम मोदी के ‘मन की बात’, बताया कैसे सामान्य हो रही जिंदगी

नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी कोरोना महामारी के बीच चौथी बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए अपने विचार रख रहे हैं। आज से लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म हो रहा है और लॉकडाउन 5.0 की शुरुआत सोमवार से होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के 65वें भाग में एक बार फिर से देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि पिछली बार जब मैंने पिछली बार आपसे मन की बात की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी। इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल रही हैं, अन्य स्पेशल ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं। तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई चुनौतियों और इससे निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संकट की सबसे बड़ी चोट गरीब मजदूर वर्ग पर पड़ी है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए सरकार के स्तर से स्किल मैंपिंग, माइग्रेशन कमीशन आदि कार्यों का उल्लेख भी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न होए परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस पूर्वी हिस्से में देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। उस पूर्वी हिस्से का विकास आवश्यक है। पूर्वी भारत के विकास को हमने प्राथमिकता दी है। प्रवासी मजदूरों को देखते हुए नए कदम उठाना आवश्यक हो गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में चल रही कोशिशों का हवाला देते हुए कहा कि कहीं स्किल मैपिंग का काम हो रहा हैए कहीं माइग्रेशन कमीशन बनाने की बात हो रही है। केंद्र सरकार के फैसलों से भी गांवों में रोजगार और स्वरोजगार की संभावनाएं खुली हैं। इससे हमारे गांवए कस्बे और राज्य आत्मनिर्भर होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कोरोना के प्रभाव से हमारी मन की बात भी अछूती नहीं रही। पिछली मन की बात की समय पैसेंजर ट्रेन, बसें, हवाई सेवा बंद थी। इस बार काफी कुछ खुल चुका है। दो गज दूरी का नियम हो या मुंह पर मास्क लगाने की बात होए जहां तक हो सके घर में ही रहना है। इन सब बातों का पूरा ध्यान रखना है और जरा भी ढ़िलाई नहीं बरतनी है।”

इससे पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि हमें पूरे जोश के साथ देश का निर्माण करना है। ये विश्वास है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे।

अनलॉक-1 के लिए जारी हुआ निर्देश

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जून महीने में लागू होने वाले नये दिशा-निर्देशों की शनिवार को घोषणा की, जिनमें देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन में काफी छूट दी गयी है तथा इसके तहत शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति होगी। देश के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में 30 जून तक लॉकडाउन का कड़ाई से पालन होता रहेगा।

गृह मंत्रालय देश के निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा की। साथ ही कहा कि आठ जून से आतिथ्य सत्कार (हॉस्पिटेलिटी) सेवाओं, होटलों और शॉपिंग मॉल को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति होगी। स्कूल और कॉलेजों को खोलने के बारे में राज्य सरकारों के साथ जुलाई में विचार विमर्श कर निर्णय किया जाएगा।

केन्द्र सरकार ने कंटेनमेंट जोन तय करने और स्थान विशेष को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को और अधिकार दिए हैं। दिल्ली में फिलहाल 122 निषिद्ध क्षेत्र हैं और देश के करीब 30 निकाय क्षेत्रों को कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र माना जा रहा है।

लॉकडाउन के बाद देश को चरणबद्ध तरीके से खोलने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केन्द्र ने कहा है कि सार्वजनिक धार्मिक स्थलों, होटलों, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल और अन्य आतिथ्य सत्कार सेवाएं भी आठ जून से शुरू हो जाएंगी।

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