इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर दिन गुरुवार से प्रारंभ हो गई है ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि पर्व के समय में मां दुर्गा जी के 9 स्वरुपों की विधि विधान से पूजा की जाती है, इसलिए इस पर्व के लिए दुर्गा पूजा भी कहा जाता है, नवरात्रि के समय में मां दुर्गा जी के बीज मंत्रों का जाप कल्याणकारी और प्रभावी माना जाता है। इस नवरात्रि आप नवदुर्गा जी के बीज मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इसमें शब्दों के उच्चारण का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए मां दुर्गा जी के 9 स्वरुपों के बीज मंत्रों के बारे में जानते हैं।
शैलपुत्री- ॐ ह्रीं शिवायै नम:।
ब्रह्मचारिणी- ॐ ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
चन्द्रघण्टा- ॐ ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
कूष्मांडा- ॐ ऐं ह्री देव्यै नम:।
स्कंदमाता – ॐ ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
कात्यायनी- ॐ क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
कालरात्रि- ॐ क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
महागौरी- ॐ श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
सिद्धिदात्री- ॐ ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
ज्योतिषाचार्य पण्डित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस बार मां दुर्गाजी डोली पर सवार होकर आई हैं 7 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ ही मां दुर्गा जी की विधि विधान से पूजा अर्चना शुरू हो गई है 14 अक्टूबर को पारण के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाएगा…!!