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भारत-चीन झड़प: अमित शाह ने राहुल पर किया पलटवार, संसद में दो-दो हाथ करने की चुनौती

नई दिल्ली : भारत-चीन विवाद पर केंद्र सरकार को बार-बार घेर रहे राहुल गांधी पर गृहमंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है और कहा है कि भारत-चीन विवाद के दौरान राहुल गांधी ने ऐसे बयान दिए जो पाकिस्तान और चीन ने पसंद किए। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी है कि वह भारत संसद में बहस के लिए तैयार है। अमित शाह ने कहा कि सरकार ससंद में 1962 से लेकर अब तक बहस करने को तैयार है। ‘दो-दो हाथ हो जाएं’।

एक इंटरव्यू में शाह ने कहा राहुल उथली सोच वाली राजनीति में संलंग्‍न हैं। वह संसद में चीन के मुद्दे पर “मजबूत बहस” के लिए तैयार रहें। अमित शाह ने कहा कि मान लेना चाहिए कि ‘सरेंडर मोदी’ हैशटैग चीन और पाकिस्तान की तरफ से प्रोत्साहित किया गया था। अमित शाह ने कहा कि सरकार एंटी इंडिया प्रोपगैंडा को हैंडल कर सकती है लेकिन इतनी बड़ी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष इतनी ओछी राजनीति करते हैं तो दुख होता है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दिल्‍ली में कोरोना के बढ़ते मामलों और पूर्व में जुलाई के अंत तक 5.5 लाख होने के अनुमान को खारिज कर दिया। शाह ने कहा-दिल्‍ली में जुलाई के अंत तक कोरोना के 5.5 लाख नहीं पहुंचेंगे। डरने की कोई बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि साफ कर दूं कि पीएम मोदी की अगुवाई में भारत दोनों ही लड़ाई जीतने जा रहा है। उनका यह बयान कोरोना और सीमा पर जारी तनाव को लेकर था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोना से बहुत अच्छी से लड़ रही है। इसके साथ अमित शाह ने कहा कि वह राहुल गांधी को सलाह नहीं दे सकते हैं यह उनके पार्टी नेताओं की काम है। शाह ने कहा कि कुछ लोगों की वक्रदृष्टि होती है ऐसे लोग सही में भी हमेशा गलत ढूंढते हैं। शाह ने कहा कि कोरोना से भारत अच्छी तरह से लड़ा है और हमारे नंबर बाकी देशों से अच्छे हैं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कगा कि इंदिरा जी के बाद क्या गांधी परिवार के अलावा भी कोई अध्यक्ष रहा है। किस लोकतंत्र की वे बात कर रहे हैं। मैंने किसी कोरोन संकट के समय किसी भी तरह की राजनीति नहीं की है। मैं बीते 10 सालों से 25 जून के दिन ट्वीट करता हूं। उन्होंने कहा कि आपातकाल को लोगों को हमेशा याद रखना चाहिए क्योंकि इसने लोकंतत्र की जड़ों पर हमला किया। किसी भी नागरिक या राजनीतिक कार्यकर्ता को भूलना नहीं चाहिए।

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