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चीन से तनाव के बीच भारत को जुलाई अंत तक मिल सकते हैं 6 राफेल, बढ़ जाएगी IAF की ताकत

नई दिल्‍ली: चीन से एलएससी को लेकर बढ़ रहे तनाव के बीच भारत को जुलाई के अंत तक 6 पूरी तरह से सुसज्जित 6
राफेल फाइटर प्‍लेन सकते हैं. इसमें लॉग रेंज की एयर टू एयर मार करने वाली मिसाइलें भी फिट रहेंगी. राफेल की मीटोर मिसाइल 150 किलोमीटर तक मार मार करती है, जिससे भारतीय वायुसेना को चीन एयरफोर्स पर बढ़त बनाने में मदद म‍ि‍लेगी

न्‍यूज एजेंसी, सरकारी सूत्रों के मुताबिक, निर्भर करते भारतीय वायुसेना के पायलटों की फ्रांस में चल रही ट्रेनिंग पर, हमें 6
राफेल जुलाई के अंत तक मिल सकते हैं.

बता दें कि लॉग रेंज मीटोर एयर टू एयर मिसाइल और SCALP से सुसज्जित राफेल भारत को दोनों दुश्‍मन देनों भारत- चीन को खिलाफ क्षमताएं बढ़ा देगा. भारत ने सितंबर 2016 में 60,000 करोड़ रुपए का सौदा 36 राफेल विमानों की खरीदी के लिए किया था.

ये एयरक्रफ्ट पूरी तरह से सुसज्जित होंगे और कुछ ही दिन में ऑपरेशन हो जाएंगे.
मूलरूप से 4 राफेल फाइलटर लाने का प्‍लान था, जिसमें तीन डबल सीटर वर्जन के पायलट की ट्रेनिंग के लिए थे. सूत्रों के मुताबिक अब जरूरत के अनुसार राफेल की संख्‍या ज्‍यादा हो सकती है.

सूत्रों के मुताबिक, पहला एयरक्राफ्ट पायलट के द्वारा उड़ाकर लाने का है. सूत्रों के मुताबिक 17 गोल्‍डन एरोज स्‍क्‍वाड्न के
कमांडिंग ऑफिसर के साथ फ्रांस के पायलट भी होगा. फ्रांस से भारत आने के दौरान फ्रांसीसी एयरफोर्स का टैंकर एयरक्रफ्ट
बीच आकाश में मिडिल ईस्‍ट से पहले तेल भरेगा. मिडिल ईस्‍ट से भारत आने के रास्‍ते के बीच में भारतीय आईएल 78 टैंकर
राफेल में तेल भरेगा.

फ्रांस से भारत इन फाइटर्स को उड़ाकर लाने में करीब 10 घंटे का समय लगेगा. कॉकपिट की कम जगह में देर तक रहा पायलटों के लिए काफी तकलीफदेह होता है.

बता दें कि कोरोना महामारी के संकट के बीच भारतीय वायुसेना ने राफेल को भारत लाने के लिए बड़ी मेहनत से तैयारी की
है. राफेल अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन में रखने का प्‍लान था, जो भारत में पहला राफेल रखने वाला बेस होगा. दूसरा एयर बेस
पश्चिम बंगाल में हशीमारा हो सकता है.

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