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कोरोना संकट की वजह से रेलवे को हुआ 24 हजार करोड़ रुपए का नुकसान

कोरोना संकट की वजह से पैसेंजर ट्रेनें न चलने और माल ढुलाई कम होने से रेलवे को 24 हजार 717 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसमें करीब 18 हजार 399 करोड़ रुपए पैसेंजर ट्रेनों (12 अगस्त तक) और करीब 6 हजार 318 करोड़ रुपए माल ढुलाई के (3 महीने) शामिल हैं। 23 मार्च से 12 अगस्त तक 144 दिन में 21 हजार 939 करोड़ का नुकसान अनुमानित है। 230 स्पेशल ट्रेनों से रोज 22 करोड़ रुपए आय हो रही है। 12 मई से 12 अगस्त तक 3 हजार 168 करोड़ आय अनुमानित है। 4 हजार 600 श्रमिक ट्रेनों में 62 लाख पैसेंजरों से 372 करोड़ की आय हुई है। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार स्पेशल ट्रेनें छोड़ दें तो सामान्य ट्रेनें न चलने से टिकटों के राजस्व में 144 दिन (12 अगस्त तक) में 18 हजार 399 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।

राहत की बात यह है कि माल ढुलाई मेें पिछले वर्ष की तुलना में महज 20% की कमी आई है। मालगाड़ियों से सालाना आय 1 लाख 28 हजार 422 करोड़ रुपए और रोज 351 करोड़ रुपए है। तीन माह में 2019 की तुलना में 80% का अचीवमेंट है। यानी 70 करोड़ रुपए का नुकसान राेज हो रहा है। औसतन तीन माह में 6 हजार 318 करोड़ का अनुमानित नुकसान ढुलाई से हुआ है। रेलवे ने 22 मार्च को सभी 13 हजार से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी थीं, जो 12 अगस्त तक नहीं चलेंगी। हालांकि 8 हजार से ज्यादा मालगाड़ियां रोज चलती रहीं। रेलवे बोर्ड सदस्य (यातायात) पीके मिश्रा बताते हैं कि 2019 की तुलना में तीन माह में औसतन 80% तक माल ढुलाई हुई है। इस तरह कोराेना से 20% ढुलाई का नुकसान हुआ।

बता दे, पैसेंजर से मिलने वाले राजस्व में 86% की कमी आई है। पैसेंजर भी 2% से कम रह गए हैं। फिलहाल केवल 230 स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं।

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