ज्योतिष

Nag Panchami 2020 Date & Time: 25 जुलाई को मनाई जाएगी नाग पंचमी, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Nag Panchami 2020 Date & Time: सावन माह की शुक्ल पक्ष पंचमी को नाग पंचमी Nag Panchami 2020 के रूप में मनाया जाता है. सामान्यतः नाग पंचमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिन बाद आता है. वर्तमान में नाग पंचमी अंग्रेजी कैलेण्डर में जुलाई अथवा अगस्त माह में आती है. इस साल नाग पंचनी 25 जुलाई (25 July) को मनाई जाएगी. इस पावन पर्व पर, स्त्रियां नाग देवता की पूजा करती हैं तथा सर्पों को दुध अर्पित करती हैं. इस दिन स्त्रियां अपने भाइयों तथा परिवार की सुरक्षा के लिए प्रार्थना भी करती हैं.

नाग पंचमी सम्पूर्ण भारत में, हिन्दुओं द्वारा की जाने वाली नाग देवताओं की एक पारम्परिक पूजा है. हिन्दु कैलेण्डर में, नाग देवताओं के पूजन हेतु कुछ विशेष दिन शुभ माने जाते हैं तथा श्रावण माह की पंचमी तिथि को नाग देवताओं के पूजन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. नाग पंचमी महत्वपूर्ण दिनों में से एक है तथा यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है. माना जाता है कि, सर्पों को अर्पित किया जाने वाला कोई भी पूजन, नाग देवताओं के समक्ष पहुंच जाता है. इसलिए लोग इस अवसर पर, नाग देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में जीवित सर्पों की पूजा करते हैं. सर्पों को हिन्दु धर्म में पूजनीय माना गया है.

नाग पंचमी Nag Panchami 2020 पूजा मुहूर्त ( Date & Time)

पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 24, 2020 को 02:36 पी एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – जुलाई 25, 2020 को 12:02 पी एम बजे

नाग पंचमी पूजा विधि ( Nag Panchami Puja Vidhi )

इस दिन में अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है. चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें तथा पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करना चाहिए. इसके बाद पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी के ऊपर स्थान दिया जाता है. फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़कर नाग देवता की पूजा की जाती है. इसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर लकड़ी के पट्टे पर बैठे सर्प देवता को अर्पित किया जाता है. पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारी जाती है. पूजा करने के बाद अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुननी चाहिए.

नाग पंचमी का महत्व ( Nag Panchami Importance )

हिंदू धर्म में सांपों की पूजा कई सालों से होती आ रही है. इस दिन सांपों की पूजा करने वाले व्यक्तियों को सांपों के डसने का खतरा नहीं होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है. कई जगह इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है. मान्यता है कि इससे वह घर नाग-कृपा से सुरक्षित रहता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Close
Close