चिंताजनक : खेलने की उम्र में बच्चे हो रहे बीपी और मोटापे के शिकार
पढ़ने और खेलने-कूदने की उम्र में बच्चे मोटापे और हाई ब्लडप्रेशर का शिकार हो रहे हैं। कानपुर में बाल रोग विशेषज्ञों ने ग्रो इंडिया के बैनर तले 5 से 18 वर्ष की उम्र के स्कूली बच्चों के बीच जाकर अध्ययन और स्क्रीनिंग की तो परिणाम चौंकाने वाले निकले। 12 फीसदी बच्चों में मोटापा तो 18 प्रतिशत ओवरवेट थे। अहम बात है कि सभी का ब्लडप्रेशर मानक से हाई पाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक ये बच्चे हाइपरटेंशन और शुगर जैसी बीमारी के मुहाने पर खड़े हैं।
टीम ने करीब दो साल तक कानपुर के 8 और फतेहपुर के 2 स्कूलों के 10 हजार बच्चों की जीवनशैली पर अध्ययन किया। स्क्रीनिंग के जरिए ब्लडप्रेशर चेकअप और केस हिस्ट्री तैयार की। अध्ययन रिपोर्ट (शोध पत्र) को इंडियन पीडियाट्रिक जर्नल में भेजा गया जिसे प्रकाशित करने की मंजूरी मिल गई है। स्टडी में ऐसे तथ्य सामने आए जिसने डॉक्टरों के साथ बच्चों के माता-पिता की चिंता भी बढ़ा दी है। 15 फीसदी यानी लगभग पांच हजार बच्चों का बीपी सामान्य से दोगुना तक बढ़ा निकला।
मालूम हो कि 5 से 18 साल की उम्र तक के बच्चों का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 70-120 माना जाता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह बदलता रहता है। अध्ययन के मुताबिक ऐसे बच्चे हाईरिस्क जोन में हैं और युवावस्था तक पहुंचते-पहुंचते डायबिटीज, हाइपरटेंशन के साथ ही दिल की बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। माता-पिता को सुझाव दिया गया है कि अपने बच्चों को न सिर्फ मोटापे से बचाएं, बल्कि सही जीवनशैली भी अपनाएं।
अध्ययन में यह भी सामने आया
– 80 फीसदी बच्चे खाना और नाश्ता करते समय टीवी या मोबाइल जरूर देखते हैं, इसी में उनकी डाइट ज्यादा हो जाती है।
– 70 फीसदी बच्चे एक घंटे से भी कम खेलते या फिजिकल एक्सरसाइज करते हैं जबकि उन्हें 24 घंटे में 1 घंटे तक एक्सरसाइज करनी चाहिए।
– 90 फीसदी बच्चे नियमित जंक फूड लेते हैं इसलिए उनमें हारमोनल बदलाव आते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल वाले भोज्य पदार्थों का सर्वाधिक सेवन घातक।
– स्कूल के दिनों में बच्चों के 7-8 घंटे भी न सोने का तथ्य सामने आया है
माता-पिता को सुझाव
– बच्चों को रोज 1 घंटे से ज्यादा खेलने या फिजिकल एक्सरसाइज कराएं। 8 घंटे साउंड स्लीप जरूर हो क्योंकि इसी उम्र में शारीरिक अंगों का विकास होता है।
– खाना-पीना सादा और फाइबरयुक्त ही दें। तैलीय चीजों से पूरी तरह परहेज करने की जरूरत है।
– जंक फूड बंद करके ज्यादा नमक-चीनी के पदार्थों से परहेज रखें।
– सब्जी, फल और ज्यादा पानी पीने पर फोकस करें।
इन स्कूलों में स्क्रीनिंग
कानपुर के गुरुनानक, चिंटल्स, यूपी किराना, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, नर्चर, केडीएमए के दो स्कूल और पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन जबकि फतेहपुर में सेंट जेवियर्स और प्लेवे स्कूल के बच्चों को अध्ययन में शामिल किया गया।
ग्रो इंडिया के 10 हजार बच्चों पर स्टडी के जो परिणाम सामने आए हैं वह चिंता बढ़ाने वाले हैं। ब्लड प्रेशर, ओवरवेट, मोटापा बच्चों के बीच ज्वलंत समस्या है। इसका ग्राफ 30 फीसदी पार कर गया है। जीवनशैली को बदलना होगा अन्यथा भावी पीढ़ी समय से पहले कई बीमारियों से ग्रसित हो जाएगी। परिणाम इंडियन पीडियाट्रिक जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भेज दिए गए हैं। वहां से मंजूरी मिल गई है। इसी आधार पर बच्चों के लिए गाइडलाइन भी तैयार की जा सकती है।