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कोविड पर कुछ नई जानकारियां जो आपके लिए अहम हो सकती हैं।

✍️ डॉ. अव्यक्त अग्रवाल

( सुप्रसिद्ध चिकित्सक एवम समाजसेवी )

 

◆ कोविड की तीसरी लहर आ सकती है , यह वैज्ञानिक रूप से पूर्णतः सच है । किंतु यह बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी या सीरियस करेगी, पहली और दूसरी लहर की तुलना में यह एक अवैज्ञानिक कल्पना है । virus mutation planned pattern में नहीं होते , वे रैंडम , अनिश्चित होते हैं । म्युटेशन आवश्यक नहीं कि वायरस के लिए लाभकारी ही हों या मनुष्य के लिए नुकसानदेह ही हों ।
( लॉजिक मैं तीसरी लहर वाले वीडियो में समझा चुका हूँ ) । मुझे लगता है अधिकांश बच्चे गंभीर नहीं होंगे आगे भी किन्तु, हमें तैयारी पूरी रखनी है,क्योंकि नए वायरस अनिश्चित होते हैं । वयस्क ही संक्रमण घर में लाते हैं , यदि अधिकांश वयस्क टीकाकरण करवा लेते हैं, तो यह लहर मामूली भी साबित हो सकती है ।

◆ नियम में हाल ही हुए बदलाव की वजह से , बहुत अच्छी बात है कि, स्तनपान कराने वाली माएं अब टीकाकरण करवा सकती हैं । उम्मीद है आगे चल कर प्रेगनेंसी में भी अनुमति मिल जाये ।

◆ बच्चों को टीकाकरण के ट्रायल भारत में आरम्भ हुए हैं जिसमें कोवाक्सिन पर ट्रायल चलेगा । जिसके नतीजे आने में 3 से 4 माह लग सकते हैं । तब तक बच्चों को बचाने का सर्वश्रेष्ठ उपाय वयस्कों का स्वतः संक्रमित न होना है ।

एवं संक्रमित होने पर ITR के क्रम को फॉलो करना है ।
I For Isolation
T For Treatment
R for Rt PCR

◆ जो लोग संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें टीका, ठीक होने के तीन माह बाद लगवाना है ।

◆ पहली dose लगने के बाद संक्रमित हुए लोग, दूसरी dose कोविड से ठीक होने के 3 माह बाद लगवाएं ।

◆ टीकाकरण करवा चुके लोग, 14 दिन के बाद रक्तदान कर सकते हैं ।

◆ Covid से ठीक हुए लोग ठीक होने के 14 दिन बाद रक्त दान कर सकते हैं , बशर्ते उनका स्वास्थ्य ठीक हो ।

◆ टीकाकरण के पहले अथवा बाद में किसी भी टेस्ट की आवश्यकता नहीं है ।

◆ दोनों dose टीका लगने के 14 दिन बाद गंभीर कोविड की संभावना बेहद कम हो जाएगी , किन्तु सभी सुरक्षा उपाय तब भी करते रहें , जब तक नये सरकारी निर्देश न आ जाएं ।

◆ D R D O की नई दवा पर फ़र्ज़ी व्हाट्सएप्प मैसेज से बचें । जब तक phase 3 trial एवं पोस्ट मार्केटिंग आंकड़े , Randomized control trials उपलब्ध न हो जाएं किसी भी दवा को अत्यधिक प्रभावशाली न मानें, न ही सुरक्षा उपायों में चूक करें ।

धैर्य, समझदारी, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अनुशासन, साहस हम मनुष्यों के सर्वाधिक बड़े सर्वाइवल हथियार हैं। प्रकृति इन हथियारों का परीक्षण कर रही है बस । हम सब मिलकर इन शस्त्रों का इस्तेमाल करेंगे तो अवश्य जीतेंगे ।

साथ ही साहस एवं दुस्साहस का जो महीन अंतर है उसे समझिए । अति आत्मविश्वास एवं दुस्साहस ने अच्छे अच्छे फिट लोग ,खिलाड़ी, सफल,प्रसिद्ध लोग , बॉडी बिल्डर , अमीर, उच्च पदासीन लोग, डॉक्टर, योगाचार्य, बुद्धिमान लोगों को भी छीन लिया है ।

मैं डायबिटीज या comorbidity से बड़ा खतरा कोविड में कोविडियट होने या अति आत्मविश्वासी होने को मानता हूँ ।

युद्ध में अनुशासन एवं साहस चाहिए होता है, गैर अनुशासित दुःसाहस नहीं ।

 

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