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राम मंदिर भूमि पूजन : पीएम मोदी के साथ रहेंगी देश की 50 प्रमुख हस्तियां

राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के भव्य मंदिर के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हनुमानगढ़ी में माथा टेकेंगे और मां सरयू का भी दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री के इन कार्यक्रमों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। फिर भी यह बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएमओ से यह कार्यक्रम बनाने का आग्रह किया है।

भूमि पूजन को अविस्मरणीय बनाने की तैयारी
राम जन्मभूमि में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से होने वाले भूमि पूजन के कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों की दिग्गज 50 हस्तियां भी सम्मिलित होंगी। इसके अलावा बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा सहित सनातन धर्मावलम्बी जैन व सिख धर्मगुरु भी शामिल होंगे। भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों से सम्पर्क की जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व प्रचारक इन्द्रेश को सनातन परम्परा के शीर्षस्थ धर्मगुरुओं से सम्पर्क कर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने का दायित्व दिया गया है। वह  बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं के सम्पर्क में पहले भी रहकर राम जन्मभूमि का प्रमाणिक पक्ष उन्हें समझा रहे थे।

उधर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग की ओर से प्रधानमंत्री के स्वागत में एक दर्जन तोरण द्वार बनवाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से यह तोरण द्वार प्रधानमंत्री के आगमन के संभावित मार्ग पर नहीं बनाए जाएंगे।

अयोध्या की पहचान हैं ‘सरयू’ तो युवराज हैं हनुमान
विहिप की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी को पौराणिक स्थानों पर ले जाने के पीछे उनकी मान्यताएं हैं।  हनुमान जी को अयोध्या का युवराज माना जाता है। गुप्तार घाट में जल समाधि लेने से पहले भगवान राम ने अयोध्या का भार उन्हें ही सौंपा था। दूसरी ओर सरयू स्वयं प्राचीन अयोध्या की पहचान ही नहीं बल्कि प्रमाण है।  यही कारण है कि उनका दर्शन-पूजन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

 रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दर्शन का समय बढ़ा
रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दर्शन का समय जिला प्रशासन ने संशोधित किया है।  प्रथम पाली में दर्शन की अवधि एक घंटे बढ़ायी गयी है। अपर जिलाधिकारी कानून व्यवस्था जेपी सिंह की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार दर्शन का समय पहले सुबह सात बजे से 11 बजे तक और दोपहर को दो बजे से शाम छह बजे तक था। 27 जुलाई से संशोधित अवधि के अनुसार रामलला का दर्शन अब सुबह सात बजे से मध्याह्न 12 बजे तक होगा। जबकि दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक दर्शन का समय निर्धारित किया गया है।

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