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मोदी की अपील- कोरोना संकट अब भी गंभीर, आगे भी बरतें सावधानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संकट के समय हम भारतवासियों ने दिखा दिया है कि सेवा और त्याग का हमारा विचार, केवल हमारा आदर्श नहीं बल्कि भारत की जीवनपद्धति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कोरोना के प्रभाव से हमारी मन की बात भी अछूती नहीं रही। पिछली मन की बात की समय पैसेंजर ट्रेन, बसें, हवाई सेवा बंद थी। इस बार काफी कुछ खुल चुका है। दो गज दूरी का नियम हो या मुंह पर मास्क लगाने की बात हो जहां तक हो सके घर में ही रहना है। इन सब बातों का पूरा ध्यान रखना है और जरा भी ढिलाई नहीं बरतनी है। कोरोना संकट अब भी उतना ही गंभीर है। लापरवाही नहीं चल सकती।”

‘हमें दो गज की दूरी सुनिश्चित करनी होगी’

मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है। जो नुकसान हुआ है उसका दुख हम सबको है। लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाए हैं, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। हमारी जनसंख्या ज्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला। हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दूसरों की सेवा में लगे व्यक्ति के जीवन में कोई डिप्रेशन, या तनाव, कभी नहीं दिखता। उसके जीवन में भरपूर आत्मविश्वास, सकारात्मकता और जीवंतता प्रतिपल नजर आती है। देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति।

‘इस योग दिवस पर सभी प्राणायाम करने की कोशिश करें’

प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट में सहायक योग और आयुर्वेद पर विश्व के नेताओं के साथ बातचीत और उनकी उत्सुकता का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी के इस समय में योग का महत्व बढ़ा है। विश्व के नेताओं की दिलचस्पी योग और आयुर्वेद में बढ़ी है। मेरी विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है। उनकी इन दिनों योग और आयुर्वेद के संबंध में बहुत ज्यादा दिलचस्पी होती है।

उन्होंने कहा कि योग- ‘कम्यूनिटी, इम्यूनिटी और यूनिटी’ सबके लिए अच्छा है। हर जगह लोग योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाह रहे हैं। कितने ही लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया अब वे भी ऑनलाइन योगा क्लास से जुड़ गए हैं या ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से योग सीख रहे हैं।

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