फेक न्यूाज से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश ..
तब्ली्गी जमात का किया जिक्र
नई दिल्ली / देश में बढ़ते फेक न्यूज के मामलों पर अब शीर्ष अदालत ने संज्ञान लिया है। इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मीडिया में फर्जी खबरों के खतरे से निपटने के लिए एक तंत्र बनाने को कहा है। इसने केंद्र से केबल टीवी नेटवर्क विनियमन अधिनियम के तहत उपलब्ध तंत्रों के बारे में जानने की मांग की और यह भी बताया कि पिछले तीन हफ्तों में फर्जी खबरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि केंद्र के पास टीवी चैनलों की सामग्री को मैनेज करने के लिए पर्याप्त शक्तियां हैं। मौलिक अधिकार के रूप में मुफ्त भाषण का अधिकार मीडिया के लिए उपलब्ध है।
जमीयत उलमा आई-हिंद ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर तब्लीगी जमात के बारे में फर्जी खबरें प्रसारित करके गलत प्रचार किया गया था। यह आरोप लगाया गया कि सरकार मूकदर्शक बनी हुई थी, और दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात मण्डली की रिपोर्टिंग के लिए भारत के कई हिस्सों में कोरोना फैलाने का आरोप लगाया गया।
जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत के दौरान तबलीगी जमात मण्डली पर मीडिया का एक वर्ग सांप्रदायिक नफरत फैला रहा था। शीर्ष अदालत ने मामले को तीन सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए तय किया है। इस साल अक्टूबर में अदालत ने नई दिल्ली में तब्लीगी जमात के मीडिया कवरेज के संबंध में एक हलफनामे के लिए केंद्र सरकार की कड़ी निंदा की थी।
फेक न्यूज से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को व्यवस्था बनाने को कहा, तब्लीगी जमात का जिक्र किया
सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत के दौरान तबलीगी जमात मण्डली पर मीडिया का एक वर्ग सांप्रदायिक नफरत फैला रहा था।