राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश से फेसबुक, गूगल, ट्विटर पर नहीं लगेगा अंकुश
न्यूयॉर्क| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से फेसबुक, गूगल, ट्विटर पर अंकुश नहीं लगेगा, दुनिया के ताकतवर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स संयम में केवल तभी होंगे, जब प्राइवेसी रेगुलेशन उनके ‘अनइनहैबिटेड डेटा कलेक्शन’ के बिजनेस मॉडल पर दस्तक देगा, जिससे बदले में उनके मार्जिन नष्ट होंगे। हालांकि, पूरे पॉलिसी रेगुलेशन में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। हार्वर्ड केनेडी स्कूल में डिजिटल प्लेटफॉर्म और डेमोक्रेसी प्रोजेक्ट के को-डायरेक्टर ने यह बात कही।
को-डायरेक्टर डॉक्टर दिपायन घोष ने आईएएनएस से कहा, “यदि आप कोई फेसबुक नहीं, कोई गुगल नहीं और यूजर्स के साथ जांच किए बिना, जो भी डेटा चाहें लेने वाले इस प्राइवेसी रेगुलेशन को इंस्टीट्यूट करने के लिए कहते हैं, तो आप ऑप्ट-इन रेट्स में भारी गिरावट देखेंगे।”
डॉक्टर घोष की यह टिप्पणी डोनाल्ड ट्रंप के हालिया एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (कार्यकारी आदेश) के खिलाफ है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ उनके युद्ध को बढ़ाता है।
राष्ट्रपति ट्रंप का आदेश वर्तमान कानून पर निशाना साधता है, जिससे इंटरनेट कंपनियों को यूजर्स के पोस्ट्स के आधार पर मुकदमों से बचने में मदद मिलती है।
ट्रंप का यह आदेश तब आया जब ट्विटर ने उनके दो ट्वीट्स को फैक्ट चेक पर डाल दिया। ट्विटर ने राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट को चेतावनी के साथ टैग किया और कहा कि उन्होंने हिंसा का महिमामंडन कर प्लेटफॉर्म के नियमों का उल्लंघन किया है। राष्ट्रपति ने सुझाव देते हुए कहा था कि मिनियापोलिस में प्रदर्शनकारियों को गोली मारी जा सकती है।
ट्रपं के यह ट्वीट्स अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को लेकर आए थे।
घोष ने कहा, “हमें इसे सतह के स्तर पर नहीं देखना चाहिए। हमें चमकदार वस्तु पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए।”
घोष के अनुसार, डिजिटल प्लेटफॉर्म केवल तभी गिरेंगे, जब उनका बिजनेस मॉडल बिहेवियर प्रोफाइलिंग के अंत की दिशा में अनइनहैबिटेड डेटा कलेक्शन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
डॉक्टर घोष एक नई किताब ‘टर्म्स ऑफ डिससर्विस: हाउ सिलिकॉन वैली इज डिस्ट्रक्टिव बाय डिजाइन’ के लेखक हैं, जो जल्द लोगों के सामने आने वाली है।