युवा सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षक बनें
वसुधैव कुटुंबकम् के भाव से राष्ट्र, समाज के निर्माण में करें सहभागिता : राज्यपाल श्री पटेल बी.एस.एस.एस. कॉलेज का स्वर्ण जयंती समारोह
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने युवाओं से कहा है कि वसुधैव कुटुंबकम् के भाव से राष्ट्र, समाज के निर्माण में सहभागिता करें। हमारी गौरवशाली संस्कृति के संरक्षक बन कर, सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना के साथ नए समाज का नेतृत्व करें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नए भारत के निर्माण में युवाओं के लिए अनंत संभावनाओं के अवसर उपलब्ध कराये हैं। सबके विकास, साथ, विश्वास और प्रयासों से समर्थ, सशक्त और समृद्ध देश के निर्माण में योगदान दें। राज्यपाल श्री पटेल बी.एस.एस.एस. कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए ज्ञान के साथ संवेदनशीलता भी ज़रूरी है। भौतिक सुखों की प्राप्ति के अनेक साधन हो सकते हैं, लेकिन आत्मा का संतोष और आत्मिक शांति प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका जरूरतमंद की सेवा है। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की है कि छात्र-छात्राओं को समाज में अच्छे नागरिक के रूप में पहचान बनाने के लिए अनुशासन और संस्कारों के साथ स्वावलंबन के द्वारा आत्म-निर्भर भारत निर्माण को प्रेरित करें। उनमें मूल्यों, मानकों एवं उत्तरदायित्वों की गम्भीरता के भाव भरकर, समाज राष्ट्र में सेवा के लिए संकल्पित करें ताकि विद्यार्थी जीवन के जिस क्षेत्र में जाएँ, नए आयाम स्थापित करें। देश-प्रदेश के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। अपने व्यवहार और कार्यों से महाविद्यालय परिवार, समाज और देश-प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने स्वर्ण जयंती समारोह में छात्र-छात्राओं को अपने देश की संस्कृति और कला से रू-ब-रू कराने के प्रयास करने के लिए कहा, जिससे युवा पीढ़ी देश के गौरवमयी इतिहास, शैक्षणिक, आर्थिक समृद्धियों से परिचित हो। साथ ही सशक्त राष्ट्र के परतंत्र होने के कारणों और उससे मुक्ति के लिए किए गए संघर्ष और बलिदानों की गाथाओं से प्रेरणा लेकर नव राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हो।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति श्री आर.जे. राव ने समारोह में महाविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी।
बी.एस.एस.एस. महाविद्यालय के चेयरमेन आर्चबिशप फॉदर दुरईराज ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने के प्रयासों के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में समाज-सेवा, कर्मठता और बदलाव के साथ समन्वय करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रयास किए जा रहे हैं। वैकल्पिक विषयों के अध्ययन के साथ ही शोध और अनुसंधान पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने महाविद्यालय के विकास के अनुक्रम का स्मरण करते हुए पूर्व प्राचार्यों के योगदान का भी उल्लेख किया।
प्राचार्य फॉदर डॉ. जॉन पी.जे. ने स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय द्वारा किए जा रहे, समाज-सेवा, ग्राम विकास के कार्यों और कोविड महामारी के दौर में विद्यार्थियों के सहयोग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के पूर्व छात्रों ने प्रधानमंत्री राहत और अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कोष में योगदान देकर कौमी एकता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय की नैक ग्रेडिंग ए है। इसमें 5 हजार से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति को सेमेस्टर सिस्टम के रूप में अपनाया गया है। छात्र-छात्राओं में विज्ञान, वाणिज्य, कम्प्यूटर आदि विषयों के शिक्षण के साथ ही जीवन में भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों को स्थापित करने की पहल की गई है।
राज्यपाल श्री पटेल का आर्चबिशप ने शॉल, श्रीफल, पुष्प-गुच्छ से सम्मान कर स्मृति-चिन्ह भेंट किया। आभार फॉदर जॉनी ने माना। संचालन श्रीमती मंजू मेहता ने किया।