भारत-चीन तनाव के बीच पीएम मोदी ने 19 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक
लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद होने के बाद पैदा हुए हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी पार्टियों की एक बैठक बुलाई है। यह बैठक 19 जून को शाम पांच बजे होगी। इस बैठक में भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है।
हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद
सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चार जवानों की हालत गंभीर है। इस हिंसक झड़प में चीनी पक्ष को भी खासा नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि उसके कम से कम 43 सैनिक जान गंवा चुके हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
भारत-चीन टकराव पर राहुल गांधी का सवाल
इस घटना को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। कई शहरों में चीन विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक टकराव होने की घटना पर सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं। उन्हें देश को बताना चाहिए क सीमा पर क्या हो रहा है।
जवानों की बहादुरी-बलिदान को कभी नहीं भूलेगा राष्ट्र: राजनाथ
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रगट की है। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘गलवान में भारतीय जवानों का जाना बेहद विचलित करने वाला और पीड़ादायक है। हमारे जवानों ने कर्तव्य के पथ पर असीम साहस और हिम्मत का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की परम्परा को जीवंत रखते हुए अपनी जान कुर्बान की। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।’
भारत के साथ सीमा पर और टकराव नहीं चाहता चीन
उधर, चीन ने कहा है कि वह अब भारत के साथ सीमा पर और टकराव नहीं चाहता। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से सीमा पार की और नतीजे में हुए टकराव में दोनों पक्षों को नुकसान उठाना पड़ा। चीनी प्रवक्ता का यह भी कहना था कि दोनों देश इस मुद्दे को बातचीत से हल करने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे।
वार्ता के बीच दोनों पक्षों में हुआ टकराव
पिछले महीने मई में पैगोंग त्सो (झील) से निकट भारत-चीन सैनिकों के बीच टकराव होने के बाद दोनों ओर की सेनाएं बातचीत कर रही हैं। भारत द्वारा पैगोंग त्सो के निकट फिंगर एरिया में रणनीतिक रूप से अहमियत रखने वाली एक सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में धारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक अन्य सड़क के निर्माण का चीन कड़ा विरोध कर रहा है। इसी वजह से हाल में तनाव की स्थिति पैदा हुई। भारत के लिए फिंगर एरिया गश्त करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने सीमा क्षेत्र में चीन के विरोध के चलते किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को न रोकने का फैसला किया है। इसी बीच, सोमवार को जब भारतीय सैनिक गलवान घाटी में रूटीन गश्त के लिए गए तो चीन सैनिकों से सामना हो गया जो टकराव में तब्दील हो गया।