जीवित व्यक्ति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर शासकीय मुआवजा लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश..40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जप्त
The gang that took government compensation by preparing fake death certificate of a living person was exposed..40 fake death certificates seized.
♦ VILOK PATHAK / NEWS INVESTIGATION
The NI / 51 / जबलपुर पुलिस ने जीवित व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर शासकीय मुआवजा लेने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है उनसे 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जप्त हुए हैं अभी तक एक करोड़ से अधिक की राशि यह ग्रह ले चुका है। नगर निगम द्वारा मृत्यु होने पर 6 हजार अंत्येष्टि राशि एवं 2 लाख सहायता राशि प्रदान की जाती है। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के अनुसार थाना हनुमानताल में सैयदा रिजवाना रिजवी नाम की महिला ने लिखित शिकायत की कि वर्ष 2020 में उसे जानकारी मिली की सरकार की योजना में एक मजदूरी कार्ड बनता है जिसके द्वारा सरकार की योजना का लाभ मिलता है। शहजाद नाम के व्यक्ति की आनलाईन की दुकान है जो मजदूरी कार्ड बनाता है। वह अपना मजदूरी कार्ड बनवाने के लिये शहजाद की दुकान पर गई। शहजाद ने उससे कार्ड बनवाने के लिये अपने दस्तावेज एवं 5000 रुपये देने को कहा । उसने दस्तावेज में अपनी समग्र आईडी, परिवार एवं स्वयं का आधारकार्ड एवं सभी की पासपोर्ट फोटो दे दी। लगभग 06 महिने बाद 2021 में शहजाद की दुकान पर पता किया तो कार्ड बन गया था जो शहजाद ने उसे दे दिया था। कुछ दिनो पहले उसे मोहल्ले के लोगों से सुनने में आया कि शहजाद द्वारा लोगों के मजदूरी कार्ड का गलत उपयोग कर सरकारी योजना का पैसा निकाला जा रहा है तब उसे संदेह हुआ कि शहजाद मजदुरी कार्ड का गलत उपयोग किया गया है तो उसने नगर निगम में जाकर पता किया तो उसे पता चला कि उसके मजदूरी कार्ड से उसका मृत्यु प्रमाण लगाकर पैसा निकाला गया है। शहजाद ने उसके जीवित होते हुये मृत बताकर उसके दस्तावेजो एवं मजदूरी कार्ड का गलत उपयोग कर उसके नाम से पैसे लेकर धोखाधड़ी की है। विवेचना के दौरान नगर निगम व बैंक से जानकारी प्राप्त की गयी। योजना में आवेदन के साथ लगे दस्तावेज यूनियन बैंक के खाता संख्या की जानकारी प्राप्त की गयी जो उक्त खाता आकिब रफीक के नाम से पाया गया एवं खाते मे एम.पी. बिल्डिंग हैदराबाद इलेैक्ट्रानिक पेमेंट सेल से दिनांक 08/08/22 को 6000/- एव दिनांक 13/10/22 को 2 लाख रूपये आना प्रदर्शित है। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी उसके साथी हैं जो इसी प्रकार का काम करते हैं। आरोपी जबलपुर से लोगों के दस्तावेज इकट्ठा कर छत्तीसगढ़ भेजा करता था, जहां से लोगों के प्रमाण पत्र एवं फोटो को एडिट कर हूबहू असली मृत्यु प्रमाण जैसा तैयार कर वापस उसके पास जबलपुर आया करते थे। आरोपी ने बताया कि वह अपने साथियों की मदद से सारे दस्तावेज नगर निगम कार्यालय में जमा करवा देता था। पुलिस ने अभी तक की जांच में आरोपी के पास से 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद किए हैं। वही पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी और भी लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र मिल सकते हैं। जिसकी लगातार जांच पुलिस की एक टीम द्वारा की जा रही है। जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि इस पूरी वारदात में संभवत नगर निगम के कुछ कर्मचारियों की भी संलिप्ता हो सकती है। जिसकी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
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