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Locusts Attack in Delhi: टिड्डियों के हमले से फसलों को कैसे बचाएं? ये रहे सरकार के बताए कारगर उपाय

Locusts Attack in Delhi: How to save crops from locust attack: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को एक आपात बैठक के बाद कहा कि टिड्डी दल गुरुग्राम से होते हुए अब दिल्ली में भी प्रवेश कर गया है. देश की राजधानी में शनिवार को टिड्डी दल के हमले की आंशका के मद्देनजर दिल्‍ली सरकार ने आपात बैठक बुलाई गई थी. बैठक के बाद गोपाल राय ने बताया कि टिड्डियों की छोटी टुकड़ी दिल्ली के बॉर्डर पर जसोला घाटी में घुसा आई है. ऐसे में सवाल उठता है कि टिड्डियों के हमले से किसान अपनी फसलों को कैसे बचाएं?

हालांकि इसको लेकर दिल्ली सरकार ने बाकायदा एक पूरा उपाय पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि किसान इन उपायों को अपनाकर टिड्डियों के हमले में फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. क्या हैं ये वो उपाय…. यहां जानिए.

कैसे हमला करता है टिड्डी दल और कितना खतरनाक होता है इनका अटैक?
कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली ने उपाय को लेकर पूरा जानकारी जारी करते हुए कहा, “किसान भाइयों इस समय टिड्डी दल के हमले का खतरा मंडराने लगा है जिसके चलते कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली ने किसानो को संभावित संकट से निपटने के लिए सलाह दे रहा है. टिड्डी कीट समूह में एक साथ चलते हैं एवं यह एक दिन के अंदर 100 से 150 किलोमीटर का सफर तय कर लेती हैं, औसतन एक टिड्डी समुह एक दिन में लगभग 10 हाथियों, 25 ऊंटों या 2500 लोगों के बराबर भोजन कर लेती है! टिड्डी दल सामूहिक तौर पर लाखों की संख्या में झुंड बनाकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, खास तौर पर इनका निशाना हरे पत्ते होते हैं, आम तौर पर ये दिन ढलने के वक्त आते हैं और जमीन पर बैठ जाते हैं, इनके रूकने की जगह पेड़, झाडि़यां और फसलें होती हैं, अगली सुबह वे अपना आगे का सफर शुरू करती हैं!”

विशेषज्ञों के अनुसार टिड्डि़यों के नियंत्रण के निम्न उपायः-

  • टिड्डियों के प्रवेश करने पर ढोल, नगाड़े और थाली बजाकर तेज आवाज उत्पन्न करके टिड्डि़यो को खेत, फसलों और पौधों पर बैठने से रोकें!
  • खेत के किनारे पर नालिया बनाकर नाली मे पानी भर दें तथा इनमे गिरने वाले अंडे या बच्चे को मिट्टी में दबा दें.
  • लाइट ट्रेप का प्रयोग करें.
  • सूखे मिर्च के पौधे को खेतों में जलाए जिससे एक जहरीली गंध पैदा होती है जिससे टिड्डे भाग जाते है या सूखी मिर्च का पाऊडर को घास के साथ जलाए और उसमें थोड़ा तेल डाल दें.
  • जब टिड्डियों का दल खेत के पास आने की संभावना हो तो उसी समय खेत पर जगह-जगह आग जलाकर धुआं करे जिससे टिड्डिया उस जगह से दूर भाग जाती है.
  • अपने खेत मे थोडी दूरी पर छोटे छोटे कचरे की ढेरिया बनाकर रखे ताकि टिड्डिया आने पर उनको जलाकर धुआं किया जा सके.

टिड्डियो से निपटने के लिए रासायनिक दवाओं का प्रयोग भी किया जा सकता है. लेम्बडा कीहालोथ्रिन (5ईसी.) 800 मिली (2 मिली/प्रति लीटर) या क्लोरपाइरीफास (50 ईसी.) 1.2 लीटर (3 मिली/प्रति लीटर) या मेलाथियान (50 ईसी.) 1.85 लीटर (4 मिली/प्रति लीटर) या प्रिफ्रोनिल 400 मिली (1 मिली/प्रति लीटर) हेक्टेयर की दर से 400 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या पाउडर फैलवनेरेट 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में छिड़काव करें.

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