PM मोदी बोले- लद्दाख भारत का मस्तक है, गहवान में शहीदों ने अपना शौर्य दिखाया, पूरी दुनिया में संदेश गया
नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को लेह पहुंचे हैं। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद थे। पीएम ने इस दौरान सुरक्षा हालातों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह दौरा हिंसक संघर्ष के बमुश्किल 18 दिन बाद किया है। सूत्रों ने बताया कि मोदी अलसुबह लद्दाख पहुंचे। समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक दुर्गम इलाके नीमू में उन्हें सेना, वायु सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर सारी जानकारियां दी गईं। यह इलाका सिंधु के तट पर जांस्कर रेंज से घिरा हुआ है।
प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह के सैन्य अस्पताल में घायल सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। जनरल रावत पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ तीनों सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करेंगे, साथ ही गतिरोध के चारों बिंदुओं पर प्रस्तावित डी-एस्केलेशन और विघटन प्रक्रिया को समझेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है। आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।
आज हर देशवासी की सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।
नीमू पोस्ट पर सुरक्षा हालात को लेकर की वार्ता
पीएम मोदी ने सुबह लेह में नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पर सीनियर अधिकारियों से मौजूदा हालातों की जानकारी ली। पीएम ने सेना, वायुसेना के अफसरों से बातचीत की। नीमू पोस्ट समुद्री तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है, जिसे दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन बाद में खबर आई की उनका दौरा कैंसिल हो गया है। फिर तय हुआ कि सिर्फ बिपिन रावत ही लेह जाएंगे। लेकिन आज सुबह अचानक पीएम मोदी भी सीडीएस रावत के साथ लेह पहुंच गए।