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विकास दुबे कैसे हुआ गिरफ्तार, जानिए 2 जुलाई से लेकर 9 जुलाई तक का पूरा घटनाक्रम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर और कानपुर में आठ पुलिस जवानों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार की सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर के अंदर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विकास दुबे गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचा। उसने सुरक्षाकर्मियों को अपने बारे में बताया और उनसे पुलिस को सूचना देने के लिए कहा।

एक वायरल हुए फोटो में, दुबे को मंदिर परिसर के अंदर एक सोफा में आराम से बैठे देखा जा सकता है। उत्तरप्रदेश की पुलिस ने आधिकारिक रूप से विकास दुबे की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।

प्रसाद बांटने वाले ने कहा, भागने की ताक में था विकास

वहीं महाकाल मंदिर में प्रसाद बांटने वाले गोपाल ने बताया, प्रसाद वितरण के दौरान विकास दुबे मेरे पास आया। वह पूछने लगा कि बैग और जूता कहां रखूं? इस दौरान सिक्यॉरिटी गार्ड की नजर इस पर गई और उसने पहचान लिया कि यही विकास दुबे है। फिर बैठाकर पूछताछ की गई और पुलिस चौकी में सूचना दी गई। उसने भागने की कोशिश भी की। उसके पास से रसीद भी मिली।

ऐसे फंसा था विकास दूबे पुलिस के जाल में

कुछ देर बाद स्थानीय पुलिस और मीडिया वहां पर पहुंच गई, विकास दुबे जैसे ही मंदिर से बाहर निकला, उससे पूछताछ की गई। जब पुलिस की ओर से विकास दुबे से आईडी मांगी गई, तो उसने झड़प की। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया, इस दौरान विकास दुबे मंदिर के सामने अपना नाम चिल्ला रहा था। उज्जैन पुलिस विकास को मंदिर से पकड़ने के बाद गाड़ी में बैठाकर किसी अज्ञात जगह पर ले गई।

क्या-क्या रहा केस में-

2 जुलाई – विकास दुबे को गिरफ्तार करने तीन थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

3 जुलाई- पुलिस ने सुबह सात बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया।

4 जुलाई- पुलिस विकास तिवारी के घर पर बुलडोजर चलवा देती है। उसकी लग्जरी कारें तोड़ दी जाती है। पूरी रात सर्च आपरेशन चला। रात में आई जी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सूचना थी कि विकास ने अपने घरों की दीवारों में चुनवाकर छिपाए हैं हथियार। इसलिए की जा रही है कार्रवाई।

5 जुलाई- पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।

6 जुलाई- पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।

7 जुलाई- इस मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला कर दिया जाता है। चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। पुलिस विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी करती है।

8 जुलाई- विकास दुबे पर ढ़ाई लाख से इनाम बढ़ा कर पांच लाख किया जाता है। एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।

9 जुलाई- प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया गया।

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