विधानसभा चुनाव: आज तय हो सकता है महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला, कांग्रेस ने दिल्ली में बुलाई बिहार यूनिट की बैठक
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अभी तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन में सीश शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। इस बीच कांग्रेस ने आज दिल्ली में अपने बिहार इकाई प्रमुख मदन मोहन झा और सीएलपी नेता सदानंद सिंह को दिल्ली बुलाया, है, जहां दोपहर तीन बजे स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वाम दलों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सकता है और इसकी घोषणा सप्ताह के अंत तक की जा सकती है।
घोषणा से पहले राजद और कांग्रेस एक दूसरे पर अधिक सीटों के लिए दबाव बना रही है। सूत्रोंं ने कहा कि राजद और कांग्रेस के बीच करीब 10 सीटों पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि आरजेडी के 243 सदस्यीय विधानसभा में लगभग 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है।
एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई को यह भी बताया कि कांग्रेस को लगभग 70 सीटें मिलेंगी और वाम दलों को लगभग 20 सीटें दी जाएंगी।
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन एक अक्टूबर से शुरू होगा। सूत्रों ने कहा कि बातचीत की शुरुआत के दौरान यह तय किया गया था कि सीट-बंटवारा 2015 के फार्मूले पर आधारित होगा, जिसके अनुसार 41 सीटें कांग्रेस और 101 सीटें राजद को मिलनी थीं।
शेष 101 सीटों में से, जो 2015 में जेडीयू द्वारा लड़ी गई थीं, इनमें से 50 राजद, 30 कांग्रेस और 20 वामपंथी दलों को दी जानी थीं।
सूत्रों ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भी गठबंधन में कांग्रेस के लिए 12 सीटें तय की गई थीं, लेकिन बाद में उसे केवल नौ सीटें मिलीं। इस कारण सेकांग्रेस सतर्कता बरत रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों (28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर) में चुनाव होंगे। मतों की गिनती 10 नवंबर को होगी।
2015 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन के बैनर तले एक साथ चुनाव लड़ी थी। दूसरी ओर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और अन्य सहयोगी शामिल थे।
80 सीटों वाली राजद विधानसभा चुनाव में अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जेडीयू के खाते में 71 गई और और बीजेपी 53 सीटें जीतने में सफल रही।हालांकि भाजपा को सबसे बड़ा वोट शेयर (24.42 प्रतिशत) मिला, उसके बाद राजद को 18.35 प्रतिशत और जेडी-यू को 16.83 प्रतिशत को वोट मिला। राजद और जेडीयू के बीच मतभेद उभर कर सामने आए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में लौट आए।