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उत्तर प्रदेश – गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी सुरक्षा,  किसानों को दिया धरनास्थल खाली करने का अल्टीमेटम,  गाजियाबाद जिले के सभी थानों से बुलाई गई फोर्स

यूपी गेट पर गाजियाबाद जिले के सभी थानों से फोर्स बुला ली गई है। जिला प्रशासन ने किसानों को यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। पुलिस यूपी गेट पर ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रही है। साथ ही यूपी गेट पर कुछ लोग पहुंचे हैं, जो हमारी बॉर्डर खाली करो के नारे लगा रहे हैं। आपको बता दें कि  26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है। एक ओर जहां मेरठ के बड़ौत में 40 दिन से चल रहे प्रदर्शन को पुलिस ने बीती रात खत्म कराया, वहीं यूपी गेट पर आंदोलन स्थल की बिजली काट दी गई। बिजली कटने के बाद अंधेरा होने के चलते गिरफ्तारी के डर से किसानों ने खुद रात में जागकर पहरा दिया। बिजली के बाद यूपी गेट पर गाजियाबाद प्रशासन से पानी सप्लाई किया बंद, शौचालय भी हटा दिए गए हैं |

गौरतलब है कि 26 जनवरी को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बॉर्डर, दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया। बागपत में लोगों को समझाने के बाद उन्होंने रात में धरना खत्म कर दिया। यूपी गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है | वहीँ इस मामले में किसान महापंचायत रामपाल जाट ने कहा कि हमने 21 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा से खुद को अलग कर लिया था लेकिन विरोध का समर्थन कर रहे थे। अब, हम हर चरण का विश्लेषण करने के बाद आंदोलन का समर्थन करेंगे। हमने शाहजहांपुर (पर विरोध स्थल खाली करने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि 26 जनवरी को लाल किले की घटना की जिम्मेदारी लेने वाले को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह दर्शाता है कि यह सरकार की साजिश है। मामले की जांच होनी चाहिए।

लाल किले पर तिरंगे के अपमान को लेकर जिस लक्खा सिधाना को दिल्ली पुलिस ढूंढ रही है, वह किसानों के आंदोलन में बैठा है। गुरुवार को दोपहर बाद लक्खा सिधाना ने किसान आंदोलन से लाइव होकर पंजाबियों से इस आंदोलन को बचाने की अपील की। उसका कहना है कि जो भी घटना हुई है, उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। वहीँ इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का कहना है कि वह 30 जनवरी से महाराष्ट्र के अहमदनगर में रालेगण सिद्धि में किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। समर्थकों से अपने-अपने स्थानों पर विरोध करने का आग्रह किया गया है।

किसान आन्दोलन मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किसनों पर चर्चा की गई। किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए साजिश के तहत हरकते कराई गई। 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। किसानों की मांगें अभी तक मानी नहीं गई हैं | साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस कर्मियों को पत्र में लिखा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के हिंसक हो जाने पर आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया। मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं।

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। नए मुख्यालय में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद हैं। किसानों के मसले पर अगला ऑपरेशन/सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित मसलों पर बैठक चल रही है। 26 जनवरी को हुए हंगामा को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हो रही है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी अगली रणनीति बना रहे हैं।

 

 

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