“आगे पाठ पीछे सपाट” स्वच्छता के नाम पर सिर्फ दिखावा : निगम कमिश्नर के प्रयासों को पलीता लगा रहे अधिकारी कर्मचारी

◆ विलोक पाठक
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
जबलपुर शहर में स्वच्छता अभियान का प्रचार करते हुए नगर निगम चहुं ओर अपना डंका पीट रहा है। परंतु उसका धरातली सत्य क्या है यह शहर के वार्डों में जाने पर पता चलता है। सफाई व्यवस्था का आलम यह है की नालियां चोक होने के साथ उनका गंदा पानी सड़कों पर है, कचरा फैला हुआ है, झाड़ू सफाई के नाम पर केवल मुख्य मार्गो की सफाई हो रही है गलियों में हालात बद से बदतर है। नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव पिछले कई समय से शहर को स्वच्छ बनाने के प्रयास में दिन-रात एक कर रही हैं, परंतु उनके मातहत अधिकारी कर्मचारी उनके इस प्रयासों को पलीता लगा रहे हैं। ठेके पर लगे हुए कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिल रहा वहीं शहर में सफाई के हालात देखते हुए ठेकेदार की पार्षदों से मिली भगत को इनकार नहीं किया जा सकता।
चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उसमें केवल उन्हीं लोगों की चल रही है जो दबंग और कद्दावर है। पूर्व पार्षद ताहिर अली ने आरोप लगाते हुए सम्भाग क्रमांक 16 के ताजा हालात मीडिया को उपलब्ध कराए। जहां कचरे से भरा हुआ नाला छायाचित्र में देखा जा सकता है। वहीं पास में पड़ा हुआ कचरा कर्मठता की कहानी बता रहा है। बहरहाल जो भी हो जिस दिलेरी से शहर की सफाई व्यवस्था को रौंदा जा रहा है, इससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार पोर-पोर में बस चुका है।