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जिला एवं सत्र न्यायालय में नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों को मिला लाभ अवार्ड हुये पारित

विधिक सेवा प्राधिकरण की अहम भूमिका

पक्षकारों को न्यायालयीन प्रकरणों में सीमित समय में न्याय दिलाने हेतु समय-समय पर अनेक प्रयास किये जाते हैं । इसके चलते न्यायालयों पर प्रकरणों के बोझ को कम करने हेतु समय-समय पर लोक अदालत का आयोजन किया जाता है । इसी तारतम्य में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष महोदय श्री नवीन कुमार सक्सेना के मार्गदर्षन में जिला न्यायालय जबलपुर, तहसील न्यायालय सिहोरा एवं पाटन ,कुटुम्ब न्यायालय एवं श्रम न्यायालय जबलपुर में नेषनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार 4260 प्रकरणों का निराकरण करते हुए  397179688/-  का अवार्ड पारित हुआ। प्रकरणों के निराकरण के लिये कुल 29 खण्डपीठों का गठन किया जाकर न्यायालयों में लंबित 1670-प्रकरणों एवं 2590 प्रीलिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण किया गया।
उक्त लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकृति के 219 प्रकरण, धारा 138 एन.आई.एक्ट के 172 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 1095-प्रकरण, सिविल मामलों के कुल 33 लंबित एवं अन्य 37 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
इस लोक अदालत में धारा138 एन.आई.एक्ट में 41447457/-रूपये के समझौता राषि के निर्णय किये गये, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के प्रकरणों में 313379778/- रूपये (-इकत्तीस करोड़ तैतीस लाख उन्यासी हजार सात सौ अठत्तर) के अवार्ड राषि पारित की गई। विद्युत के न्यायालयों में लंबित 77 प्रकरणों में आठ लाख तेईस हजार आठ सौ सात की राजस्व वसूली हुयी। इसी प्रकार बैंक रिकवरी के 111 प्रीलिटिगेषन प्रकरणों में निराकरण पष्चात -7744876/- की समझौता राषि लोक अदालत में प्राप्त हुयी।
 लोक अदालत की सफलता की कहानी-
कुटुम्ब न्यायालय कीे खण्डपीठ क्रमांक-01 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती ममता जैन एवं खण्डपीठ क्रमांक-02 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती विधि सक्सेना एवं सुलहकर्ता सदस्यों के सकारात्मक प्रयासों से विभिन्न मामले सुलझाये गये।
 विवाह विच्छेद के प्रकरणों में समझाईष पर लंबे समय से पृथक रह रहे दम्पत्तियों ने अपने विवादों का आपसी निराकरण करते हुए न्यायालय से राजी-खुषी साथ रहने हेतु तैयार हुए। खंडपीठ द्वारा उक्त दम्पत्तियों को उनके द्वारा लिए गये विवेकपूर्ण निर्णय के लिए बधाई दी गई, उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। अधिवक्तागण की इनमें सहयोग हेतु प्रषंसा की गई। पति – पत्नि के विभिन्न जोड़ो ने आपसी विवाद को समाप्त कर खुषी-खुषी एक साथ अपने परिवार की ओर रवाना हुये। कुटुम्ब न्यायालय के कुल 40 मामलों का निराकरण किया गया।
नेषनल लोक अदालत में जिला न्यायालय की खंडपीठ क्रमांक 02 के पीठासीन अधिकारी श्री आलोक कुमार सक्सेना एवं सुलहकर्ता सदस्यों के प्रयासों से मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के एक मामले में जिसमें आवेदक/पीड़ित की मोटर दुर्घटना में एक हाथ कट जाने के कारण उसने वाहन मालिक एवं बीमा कंपनी के विरूद्ध मामला प्रस्तुत किया जिसमें बीमा कंपनी के द्वारा आवेदक दावाकर्ता को आपसी राजीनामा के आधार पर 14,00000/- (चैदह लाख रूपए) अवार्ड पारित किया गया।
 नेषनल लोक अदालत में जिला न्यायालय की खंडपीठ क्रमांक 15 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती तबस्सुम खान एवं सुलहकर्ता सदस्यों के अथक प्रयासों से न्यायालय में लंबित प्रकरण क्रं. 298/2022 एवं प्रकरण क्रं. 297/2022 में थाना बेलबाग अंतर्गत दो पड़ोसियों का बच्चों के झगडे पर विवाद हुआ, दोनों पक्षों पर मारपीट का मामला कायम हुआ। न्यायालय द्वारा समझाईष पर अवयस्क बालिका की ओर से उसके पिता ने राजीनामा करने हेतु सहमत हुआ, दोनों पड़ोसियों के बीच पुनः अच्छे संबंध कायम हुए।
नेषनल लोक अदालत में जिला न्यायालय की खंडपीठ क्रमांक 18 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती विष्वेष्वरी मिश्रा एवं सुलहकर्ता सदस्यों के अथक प्रयासों से न्यायालय द्वारा 4 दाण्डिक प्रकरण, जिनमें दो दाण्डिक प्रकरण पति-पत्नी एवं दो दाण्डिक प्रकरण पारिवारिक सदस्यों के मध्य थे, परस्पर समझौते के माध्यम से निपटाए गए।
नेषनल लोक अदालत में जिला न्यायालय की खंडपीठ क्रमांक 22 के पीठासीन अधिकारी श्री कुँवर युवराज सिंह एवं सुलहकर्ता सदस्यों के अथक प्रयासों से न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रं. 5378/22 एवं प्रकरण क्रं. 5495/2022 में दो सगे भाइयों के बीच पैसों के लेन-देन के कारण हुई आपस में मारपीट व गाली-गलौज कर आपस में विवाद उत्पन्न हुआ था पीठासीन अधिकारी द्वारा उन्हें उनके पुराने दिन जिसमें वह बहुत प्रसन्नतापूर्वक आपस में मिल-जुलकर जीवन यापन करने वाले यादों का हवाला देकर एवं मार्मिक संबंध स्थापित कर सुगमता से आगे का जीवन आपसी भाइ्र्रचारें के साथ व्यतीत करने हेतु समझाईष दी गई। जिससे दोनों पक्षकारों की आंखों में आंसू छलक पडे और एक-दूसरे को गले लगाकर विवाद का समझौते के आधार पर निराकरण कर खुषी-खुषी घर लौटे।
लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी श्री उमाषंकर अग्रवाल  के समक्ष दूरभाष कंपनी के 16 प्रकरणो का निराकरण किया जाकर लगभग 40339/- राषि वसूली गई। इसी प्रकार नगर-निगम जबलपुर के कुल 1670 प्रि-लिटिगेषन प्रकरण का निराकरण करते हुए 1,16,58,605/- (एक करोड़ सोलह लाख अट्ठावन हजार छः सौ पांच) रूपए की वसूली की गई।
इस नेशनल लोकअदालत को सफल बनाने हेतु विधिकसेवा प्राधिकरण द्वारा भरपूर प्रचार प्रसार सहित अथक प्रयास किया गया । विधिकसेवा प्राधिकरण के सचिव श्री उमाशंकर अग्रवाल ,  मो.जिलानी सहित न्यायलयीन कर्मचारियों अधिवक्ताओं आदि का सहयोग रहा ।
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