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एक माह के अंदर बनी पक्की सड़क को फिर से खोदने पर पार्षद ने मचाया बवाल

जिम्मेदारों पर FIR की मांग

विलोक पाठक 

न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / जबलपुर शहर में जनता के रुपयों की बर्बादी को लेकर नगर निगम और स्मार्ट सिटी में होड़ मची है । कब कैसे जनता के टैक्स का पैसा सत्यानाश किया जाए यह बात अधिकारी भली-भांति जानते हैं । शहर के विकास के नाम पर खोदा खोद मचाने वाले जनता की जान से सौदा करने उतारू है । रुपयों की बर्बादी को लेकर जिला प्रशासन की भी शायद मौन स्वीकृति है । इसका ताजा उदाहरण महाराणा प्रताप वार्ड स्थित लाल बिल्डिंग के पास वाली सड़क पर देखने में समझ में आता है । जहां नई सड़क बने अभी एक माह भी नहीं हुआ और जेसीबी से बीच सड़क खोद दी गई । नई सड़क को खुदता देख जनता तिलमिला उठी । आनन-फानन में वहां पहुंचे पार्षद जित्तू कटारे ने अपना विरोध दर्ज कराया एवं मौके पर कार्य कर रहे अधिकारी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा तो शायद नहीं दे पाए, जिसके कारण पार्षद ने जमके विरोध दर्ज कराया एवं बबाल काटा । पार्षद का आरोप है की जनता के रुपयों को बर्बाद करने की निगम अधिकारियों ने ठान ली है । उनके अनुसार जिन लोगों ने बिना योजना के बिना आपसी सहमति के उक्त कार्य किया है उनकी f.i.r. होना चाहिए ।

क्या महापौर संज्ञान लेंगे…

शहर में विकास के नाम पर चल रहे बेतरतीब कार्यों से लेकर निरंकुश अधिकारियों की मनमानी जो की अब जनता के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है पर क्या महापौर संज्ञान लेंगे ।

राजा विक्रमादित्य की तरह घूम घूम कर पूरे शहर में जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले महापौर को क्या जनता का दर्द और रुपयों की बर्बादी  नहीं दिखती । यदि वाकई वह इस सब को रोकना चाहते हैं तो सख्ती क्यों नहीं दिखाते । स्मार्ट सिटी और नगर निगम की कारगुजारी किसी से छुपी नहीं है, परंतु राजनीतिक बेड़ियों ने शायद महापौर को बांध रखा हैं ।

राजस्व की बर्बादी और जंगलराज…..

स्मार्ट सिटी के नाम पर होने वाली फंडिंग हो या नगर निगम को मिली हुई ग्रांट… यह सब जनता द्वारा दिए गए टैक्स से ही संभव है  । अधिकारी यह भूल रहे हैं कि जनता का रुपए उनके द्वारा मेहनत की कमाई से दिए हुए टैक्स का है । शहर में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां विकास के नाम पर रुपयों की बर्बादी और अराजकता का नजारा दिखाई देता है ।

खैर …एक बात तो स्पष्ट है कि…बिना तालमेल के किए गए बेसिरपैर के कार्यों से जनता की छाती पर होरे भुंजना कोई नगर निगम से सीखें …..

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