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जबलपुर पुलिस की सक्रियता से आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़ा उजागर : डॉक्टर दंपत्ति हिरासत में …धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओ में प्रकरण दर्ज

✍️ विलोक पाठक

धिक्कार है ऐसे पेशे को जिसमे रुपयों की हवस ने भगवान के दर्जे वाले लोगों को शैतान बना दिया……रुपयों की बढ़ती भूख ने गरीब जनता की जान से खिलवाड़ करने के अलावा सरकार के साथ धोखाधड़ी कर उसकी योजनाओं का दुरुपयोग करना सिखा दिया। आयुष्मान योजना के नाम पर डॉ अश्विनी पाठक ने जो फर्जीवाड़ा किया उसे जबलपुर पुलिस ने एक्सपोज कर दिया ….

पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा को सूचना मिली कि सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के बाजू में स्थित बेगा होटल में आयुष्मान कार्ड धरियों को भर्ती किया गया है। जबकि उनको कोई विशेष गम्भीर बीमारी नहीं है। आयुष्मान कार्ड का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा सूचना से सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा जी को अवगत कराया गया।
योजनाबद्ध तरीके से दिनॉक 26-8-2022 की शाम को जबलपुर पुलिस एवं आयुष्मान अधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के बाजू में स्थित होटल बेगा में दबिश दी गयी।
होटल के प्रथम तल, द्वितीय तल के हॉल में एवं तृतीय तल के कमरों में मरीज भर्ती मिले थे सभी आयुष्मान कार्डधारी हैं, जिसकी डाक्टरो की टीम द्वारा जांच की गयी ।

आयुष्मान टीम ने पुलिस में दिया प्रतिवेदन

थाना लार्डगंज में डाक्टर धीरज दबडे द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी का लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमे लेख है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर द्वारा स्वयं के नेतृत्व में (1) डाँ. धीरज दबड़े नोडल अधिकारी आयुष्मान स्थानीय कार्यालय जबलपुर (2) डाँ. पंकज ग्रोवर आरएमओ जिला चिकित्सालय जबलपुर, (3) डाँ. आदर्श विश्नोई नोडल अधिकारी नर्सिंग होम स्थानीय कार्यालय जबलपुर एवं (4) श्री भुवनमोहन साहू डिस्ट्रिक आयुष्मान कोआडिनेटर की टीम गठित कर दिनांक 26.08.2022 को रात्रि 9.30 बजे सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल राईट टाउन के समीप स्थित होटल वेगा का निरीक्षण किया गया । सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन क्रं. 479 है तथा अस्पताल की संचालिका श्रीमती दुहिता पाठक हैं तथा आनलाईन अस्पताल के आवेदन के अनुसार अस्पताल के रजिस्ट्रर्ड रेसिडेंट मेडिकल प्रेक्टीशनर डाँ. अश्विनी पाठक हैं ।

ऐसे चल रहा था जंगलराज
डां. पंकज ग्रोवर आरएमओ की प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार – होटल वेगा का प्रथम तल (एचडीयू) के रूप में संचालित था जिसमें 12 मरीज आयुष्मान योजनान्तर्गत भर्ती थे, जिनमें से दो संदिग्ध मरीजों की प्राथमिक जांच कर, विडियो बनाकर जानकारी ली गई, जिसका प्रथम दृष्टया विवरण निम्नानुसार है – 01. भर्ती मरीज श्रीमती एलियन बाई के द्वारा बताया गया कि उसे दिनांक 25.08.2022 को उल्टी दस्त एव पेट दर्द के कारण भर्ती किया गया है, जबकि आयुष्मान में AKI के अंतर्गत भर्ती बताया गया है । 02.भर्ती मरीज श्रीमती मधु बाई के द्वारा बताया गया कि उनको दिनांक 24.08.2022 दिन बुधवार को पेट दर्द एवं उल्टी के कारण भर्ती किया गया है जबकि आयुष्मान में Hepatitis के अंतर्गत भर्ती बताया गया है । मरीज से संबंधित फाईल मांगने पर उक्त मरीज की फाईल उपलब्ध नहीं कराई गई है ।

डाँ. आदर्श विश्नोई नोडल अधिकारी नर्सिंग होम की प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार – होटल वेगा में द्वितीय तल में भर्ती 8 मरीज आयुष्मान योजनान्तर्गत भर्ती थे, जिसमें से दो संदिग्ध मरीजों से बात कर उनका विडियो बनाया गया । जिसमें निम्नानुसार प्रथम दृष्टया तथ्य प्राप्त हुये – 01. भर्ती मरीज श्री गुड्डा ठाकुर निवासी माढ़ोताल उम्र लगभग 42 के द्वारा बताया गया कि उनको मामूली पेट दर्द एवं पसली दर्द होने पर दिनांक 25.08.2022 को 11-12 बजे भर्ती किया गया है । मरीज के अनुसार उसको कोई उल्टी-दस्त एवं बेहोशी नहीं हुई है और न ही किसी जगह से रक्त स्त्राव हुआ जबकि हास्पिटल से प्राप्त मरीज की फाईल अनुसार उसके डायग्नोसिस में Abdominal colic Severe spasmodic pain frofuse water diarrhea nausea vomiting, Dyspena, soreness in anal region and fatigue fainting letharyअंकित था , इसके अनुसार मरीज को गंभीर र्निजलीकरण के साथ बेहोश होना बताया गया है एवं डाँ. एस भगत द्वारा देखा गया है, लेकिन मरीज के अनुसार उसे किसी भी डाक्टर द्वारा नहीं देखा गया है । मरीज के फाईल के अनुसार उसे दिनांक 24.08.2022 को भर्ती बताया है एवं उसका ट्रिटमेन्ट चार्ट बनाया गया । ट्रिटमेन्ट चार्ट के अनुसार मरीज को लगभग दिन में 5-6 आईव्ही फ्लूड लगाने का उल्लेख है लेकिन मरीज से पूछने पर उसने बताया, कि उसे एक ही बाटल अभी तक लगी है । 02-मरीज महेन्द्र नायक रैकवार निवासी गढ़ा फाटक उम्र लगभग 65 वर्ष के द्वारा बताया गया कि वह दिनांक 23.08.2022 को भर्ती हुआ है, उसेें पेट में दर्द एवं गैस की शिकायत थी एवं बीपी-शुगर की कोई समस्या नहीं थी, वह आयुष्मान कार्डधारक है और पहली बार भर्ती हुआ है । उक्त मरीज की फाईल के अवलोकन पर उसे बढ़े हुये बीपी, सिर दर्द, हाथ-पैर दर्द, उल्टी, चक्कर के साथ भर्ती किया गया है । उस समय उनका बीपी 230/130 अंकित किया गया है । मरीज को इन चार दिन में लगभग 12 आईव्ही फ्लूड लगने का उल्लेख है, लेकिन मरीज से पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें चार दिन में अभी तक एक बाटल लगी है एवं उनको कोई उल्टी नहीं हुई है । दिन में एक या दो दवाई दी जा रही है ।
डाँ. धीरज दबड़े नोडल अधिकारी आयुष्मान स्थानीय कार्यालय की प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार – होटल वेगा के तृतीय तल के रूमों में कुल 10 मरीज शाम 5 बजे दबिश पर निरीक्षण में भर्ती पाये गये थे । किन्तु रात्रि 9.30 बजे होटल के तृतीय तल में कोई भी मरीज नहीं मिला एवं सभी कमरे लाक थे ।

.प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के अनुसार पाया गया कि
■ -अस्पताल की फाईल में लिखित डायग्नोसिस एवं मरीज के द्वारा बताये गये लक्ष्ण भिन्न-भिन्न है, जिससे प्रतीत होता है कि मरीज की फाईल में अंकित किया गया डायग्नोसिस एवं मरीज द्वारा बताया गया प्राप्त उपचार तथा फाईल में लिखित उपचार विवरण में भी भिन्नता है जो कि प्रथम दृष्टया कूटरचित प्रतीत होता है ।
■.शाम 5.00 बजे डाँ. धीरज दबड़े द्वारा निरीक्षण किया गया था तो उस समय में प्रथम तल द्वितीय एवं तृतीय तलों पर कुल 30 मरीज भर्ती पाये गये थे । किन्तु रात्रि 9.30 बजे होटल वेगा में तृतीय तल के कमरों में कोई भी मरीज नहीं मिला एवं कमरों में ताले लगे थे, जबकि 5.00 बजे तृतीय तल में मरीज भर्ती पाये गये थे ।
■.होटल का उपयोग अवैधानिक रूप से हास्पिटल के रूप में किया जा रहा था । जिसका कोई भी पंजीयन म.प्र. रूजोपचार्य गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के अंतर्गत नहीं कराया गया था , साथ ही उक्त स्थान पर बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के नियमों का पालन भी नहीं किया गया था ।
■.मरीजों की फाईल में लगी हुई पैथालाजी रिपोर्ट में लेब डायरेक्टर के रूप में डाँ. वंदना खन्ना डीसीपी के डिजीटल साईन लगाये गये हैं । हस्ताक्षर के संबंध में कार्यालय द्वारा जानकारी ली गई, तो डाँ. वंदना खन्ना द्वारा लिखित में पत्र प्रेषित किया गया है जिसमें उन्होंने उक्त लेब से संबंधित होने से इंकार किया है अर्थात यह रिपोर्ट भी फर्जी/कूटरचित मानी जावेगी ।
■.मरीजों की फाईल में लगी हुई पैथालाजी रिपोर्ट में कंसल्टिंग पैथालाजिस्ट के रूप में डाँ. संजय तोतडे डीसीपी के डिजीटल साईन लगाये गये हैं । हस्ताक्षर के संबंध में कार्यालय द्वारा जानकारी ली गई, तो डाँ. संजय तोतडे द्वारा लिखित में सूचित किया गया है कि उक्त लेब से अप्रैल 2020 से अपनी सेवायें न देने का पत्र दिया है अर्थात यह रिपोर्ट भी फर्जी/कूटरचित मानी जावेगी ।
■.मरीजों की फाईल में डाँ. संदीप भगत द्वारा मरीजों को देखने का उल्लेख किया गया है । तत्संबंध में डाँ. संदीप भगत को कार्यालय द्वारा जानकारी ली गई, तो डाँ. संदीप भगत द्वारा लिखित में सूचित किया गया है कि उन्होंने उक्त हास्पिटल पिछले अगस्त 2021 से अपनी सेवायें न दे पाने का पत्र दिया है । अर्थात डाँ. एस. भगत अंकित किया जाना भी फर्जी/कूटरचित प्रतीत होता है ।
■.होटल में भर्ती मरीजों की फाईल पर सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल का नाम अंकित है तथा फाईलों में वर्णित देखने वाले जिन चिकित्सकों का नाम अंकित है उनके द्वारा मरीजों को नहीं देखा जाना पाया गया है।

◆ डॉ दम्पत्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज..

जांच प्रतिवेदन के अवलोकन पर डाक्टर अश्वनी कुमार पाठक एवं श्रीमती दुहिता पाठक के विरूद्ध् अपराध क्रमंाक 507/2022 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 474, 34 भादवि एवं धारा 8, 8ए, 9, 10 मध्य प्रदेश उपचारगृह तथा रुजोपचार संबंधी स्थापनाये (रजिस्ट्रीकर तथा अनुज्ञापन ) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 संशोधन अधिनियम 2008 के अपराध पंजीबद्ध करते हुये सैंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के डाँ. अश्विनी कुमार पाठक उम्र 58 वर्ष एवं हॉस्पिटल की संचालिका श्रीमति दुहिता पाठक पति डॉ. अश्वनी कुमार पाठक उम्र 48 वर्ष निवासी 1572 राईट टाउन को अभिरक्षा में लिया गया है, प्रकरण की विस्तृत विवेचना की जा रही हैं।

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