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जिला एवं सत्र न्यायालय में नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए प्रकरणों के साथ अवार्ड हुए पारित

5514 प्रकरणों का निराकरण एवं 50 करोड़ 55 लाख के अवार्ड पारित

जबलपुर माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष महोदय श्री नवीन कुमार सक्सेना के मार्गदर्षन में जिला न्यायालय जबलपुर, तहसील न्यायालय सिहोरा एवं पाटन तथा कुटुम्ब न्यायालय जबलपुर में दिनांक 12 नवंबर 2022, शनिवार को नेषनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार 5514 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 505515417/- का अवार्ड पारित हुआ। प्रकरणों के निराकरण के लिये कुल 49 खण्डपीठों का गठन किया जाकर न्यायालयों में लंबित 1664 प्रकरणों एवं 3850 प्रीलिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण किया गया।
उक्त लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकृति के 188 प्रकरण, धारा 138 एन.आई.एक्ट के 120 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 1090 प्रकरण, सिविल मामलों के 49 प्रकरणों एवं अन्य 102 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया।
इस लोक अदालत में धारा 138 एन.आई.एक्ट में 37511398/- रूपये के समझौता राषि के निर्णय किये गये, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के प्रकरणों में 359469671/- रूपये (पैतीस करोड चैरान्नवे लाख उन्हत्तर हजार छ‘ सौ इक्हत्तर) के अवार्ड राषि पारित की गई। विद्युत के न्यायालयों में लंबित 71 प्रकरणों में 917418/- की राजस्व वसूली हुयी। इसी प्रकार बैंक रिकवरी के 248 प्रीलिटिगेषन प्रकरणों में निराकरण पष्चात 66832048/- की समझौता राषि लोक अदालत में प्राप्त हुयी।
दिनांक 12 नवंबर 2022 को आयोजित लोक अदालत की सफलता की कहानी
कुटुम्ब न्यायालय कीे खण्डपीठ क्रमांक-02 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती विधि सक्सेना एवं सुलहकर्ता सदस्यों के सकारात्मक प्रयासों से विभिन्न मामले सुलझाये गये। आज दिनांक 12 नवम्बर 2022 को जिला न्यायालय जबलपुर में संपन्न वृहद लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय में भी दो खंडपीठों में लोक अदालत का आयोजन हुआ जिसमें प्रथम खंडपीठ डाॅ. रमेष साहू एवं द्वितीय खंडपीठ श्रीमती विधि सक्सेना की खंडपीठ बनाई गई। प्रथम खंडपीठ में 10 वैवाहिक प्रकरणों एवं 15 भरण-पोषण संबंधी प्रकरणों एवं द्वितीय खंडपीठ में 01 वैवाहिक प्रकरण एवं 13 भरणपोषण संबंधी प्रकरणों का इस प्रकार कुल 39 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
कुटुम्ब न्यायालय की लोक अदालत का दृष्य बडा विभोर करने वाला था। कई पक्षकार अपने पूरे परिवार, बच्चों, माता पिता के साथ लोक अदालत के समक्ष उपस्थित हुए। खंडपीठ ने समझाईष देकर उनके मध्य उत्पन्न विवाद का निराकरण कराया तथा बरसों से बिछड़े पति-पत्नि और बच्चों को एक किया। एक मामलें में दो पुत्रियां होने के कारण उभयपक्ष के मध्य विवाद थे जिन्हें समझाईष देकर एक किया गया और पुत्रियों को पिता से मिलाया गया। एक अन्य मामले में पत्नि जो लगभग 55 वर्ष की थी और पति जो 60 वर्ष का था, दोनों के बीच करीब सात सालों से मलमुटाव चल रहा है, उन्हें भी जीवन की अंतिम अवस्था पर मिलवाया गया।

■ नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 48 के पीठासीन अधिकारी सोम पाण्डेय एवं सुलहकर्ता सदस्यों के प्रयासों से आवेदक के अधिवक्ता श्री अनिल पटेल तथा अनावेदकगण अधिवक्ता श्री राजेष उपाध्याय तथा खण्डपीठ के समग्र प्रयास से एम.ए.सी.सी. में पक्षकार हिना फातिमा वि. विषाल में पक्षकारों के मध्य सहमति एवं सद्भावनापूर्वक 80,00,000/- रूपये में प्रकरण में राजीनामा संपन्न हुआ है।

■ नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 24 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती विष्वेषवरी मिश्रा एवं खंडपीठ क्रमांक 41 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती अनुजा श्रीवास्तव सुलहकर्ता सदस्यों के प्रयासों से पति- पत्नि के विवाद के मामलों में समझाईष देकर एवं सुलहकर्ता सदस्यों के अथक प्रयासों से मामलों का निरकरण किया गया। एक मामले में पत्नि ने पति के विरूद्ध यह आरोप लगाए थे कि उसका पति जुए एवं शराब की लत का आदि है इसी बात को लेकर उससे झगड़ा कर उससे मारपीट करता है। सुलहकर्ताओं के द्वारा दी गई सलाह से पति ने पत्नि को आष्वासन ििदया की वह नषामुक्ति केंद्र जाकर अपने नषे की आदत को छुडाएगा और भविष्य में अपनी पत्नि के साथ अच्छे से रहेगा। उक्त आष्वासन पर दोनों राजी खुषी राजीनामा कर न्यायालय से रवाना हुए।

■ नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 26 के पीठासीन अधिकारी श्री समीर मिश्रा के न्यायालय में 83 चेक अनादरण के मामलों का निपटारा हुआ जिसमें एक मामला 20 लाख रू. की राषि का था जिसमें आरोपी काफी गरीब परिस्थितियों का था किंतु परिवादी ने उदारता दिखाते हुए कम राषि पर समझौता किया एवं न्यायालय ने भी माननीय उच्चतम न्यायालय को दिषा निर्देषों का पालन करते हुए न्यूनतम समझौता शुल्क जमा कराया।

■ श्री उमाषंकर अग्रवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की खण्डपीठ में बीएसएनएल के 05 प्रीलिटिगेषन प्रकरण, 77 ट्राफिक चालान प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसकी कुल समझौता राषि रूपये 35720/- की वसूली की गयी ।

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