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सरकार को चेताने सिहोरा बंद किया, करीब पांचसौ गांव में असर

सिहोरा -जिला बनाओ समिति के आवाहन पर सिहोरा के छोटे बड़े सभी व्यापारी और निजी संस्थाओं ने सहयोग देते हुए सिहोरा बन्द को सफल बनाया, जिसके चलते ग्रामीणजन बिना जानकारी जो सिहोरा आये उन्हें अपने काम निपटाए बगैर ही वापस जाना पड़ा, साथ ही यात्री बसें भी हाइवे से होकर कटनी जबलपुर चलीं लेकिन सिहोरा नगर के अंदर प्रवेश नही होने दिया गया। सिहोरा स्वाभिमान यात्रा में सैकड़ो की संख्या में  संपूर्ण सिहोरा में विशाल वाहन रैली निकालकर सिहोरा नगर वासियों ने अपने आक्रामक तेवर सामने रख दिए हैं  मंगलवार की स्वाभिमान यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब सिहोरा वासी किसी भी स्थिति में पीछे हटने वाले नहीं है खितौला एवं सिहोरा पूरी तरह से सफल बंद रहा। स्कूल कॉलेज भी बंद पाए गए।
👉 करीब पांच गांवों में असर
 सिहोरा कभी मप्र की सबसे बड़ी तहसील हुआ करती थी लेकिन राजनीतिक नीतियों के चलते सिहोरा की हमेशा सरकार की तरफ से उपेछा ही की गई, और सिहोरा का विखंडन करके नई तहसीलों और जिले में जोड़ दिया गया। जबकि सिहोरा नगर, कटनी – जबलपुर हाइवे के बीच है और चारों दिशाओं के रोड मार्ग को जोड़ता है जिसकी वजह से करीब पांच गांव के लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों और स्वास्थ्य सेवाओं को पूरा करने के लिए सिहोरा आना पड़ता है, लेकिन सिहोरा बंद रहने से व्यापार तो ठप्प रहा ही है, साथ ही राजस्व विभाग में भी कोई काम नही हुए क्योंकि स्टाम्प बेंडरो ने भी अपना समर्थन दिया। इसके अलावा न्यायालय का कामकाज भी प्रभावित रहा और सारे वकीलों ने भी सिहोरा जिला आंदोलन को अपना समर्थन देकर काम बंद रखा।
👉निजी स्कूल और बस संचालन बन्द
 अनिश्चितकालीन सिहोरा बंद के चलते सिहोरा के प्रमुख निजी विद्यालयों ने अपने विद्यालय में छात्रों को अवकाश घोषित कर दिया है वही आंदोलनकारियों की मांग पर बस संचालकों ने भी अपनी बस सेवा को सिहोरा के बाहर बाईपास से ही चलाने का निर्णय लिया है इस निर्णय के चलते  कोई भी वाहन सिहोरा के अंदर प्रवेश नहीं किया। आवागमन शुद्ध रूप से बायपास मार्ग से ही होकर चला।
👉पिछले आंदोलन तरह रूप ले रहा जिला आंदोलन
       वर्ष 2000 जैसा फिर से सिहोरा की जागरूक जनता जागी और पिछले आंदोलन की तरह ही इस बार भी माहौल बन गया है जो कि सिहोरा में अब एक बार फिर आंदोलन की राह में है क्योंकि इससे पहले सिर्फ आश्वासनों मात्र के चलते सिहोरा जिला बनने से रह गया था इसलिए इस बार आंदोलनकारी किसी भी स्थिति में सरकार के झांसे में आने वाले नहीं हैं लोगों का कहना है कि सरकार सिहोरा की अंतिम अधिसूचना जारी करके सिहोरा को जिला बनाएं ।
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