छत्तीसगढ़ में हफ्ते भर में पांच हाथियों की मौत, सीएम ने अफसरों को घटनास्थल के लिए किया रवाना
छत्तीसगढ़ में आज एक हाथी की करंट लगने और एक के दलदल में फंसकर मौत हो गई। तीन दिन पहले ही सरगुजा इलाके में एक साथ तीन हाथियों की मृत्यु हो चुकी है। कोरबा इलाके में एक हाथी जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है। राज्य हाथियों के अप्राकृतिक मौत से खलबली मच गई है। एक हफ्ते में 5 हाथियों की मौत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों को घटनास्थल पर रवाना किया है। केरल में एक हाथी को फल में पटाखा खिलाकर मारने की घटना के बाद छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत से वन्यजीव और मनुष्य में संघर्ष दिखाई पड़ने लगी है।
पिछले दिनों में बलरामपुर और सूरजपुर में 3 हाथियों की मौत हुई थी, जबकि रायगढ़ और धमतरी में आज एक ही दिन में दो हाथियों का शव मिला है, वहीं कोरबा में एक हाथी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। सरगुजा इलाके में एक हाथी के मुंह से भारी मात्रा में झाग निकलने के बाद मौत हो गई थी। प्रदेश में गजराज की मौत के ब़ढ़ते आंकड़ों से सरकार सकते में हैं।एक ही दिन में दो हाथियों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य वन संरक्षक स्तर के अफसर को मौके पर रवाना किया है। रायपुर के मुख्य वन संरक्षक एसएस बड़गैय्या को धमतरी और बिलासपुर के मुख्य वन संरक्षक अतुल सोनी को रायगढ़ भेजा गया है। इससे पहले प्रधान मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ अतुल शुक्ला पिछले दो दिनों से कोरबा में कैंप किये हुए हैं, जहां एक हाथी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। वे दो हाथियों की मौत के बाद सूरजपुर गये थे, जहां से वापस लौटने के दौरान कोरबा की घटना सामने आ गयी, जिसके बाद वो बेहतर उपचार के लिए कोरबा में ही डटे हैं।
एक दिन में दो हाथियों की मौत
रायगढ़ में आज एक हाथी की लाश मिली है। वहीं धमतरी में एक हाथी का बच्चा मृत मिला है। धरमजयगढ़ में हाथी की मौत करंट लगने से बतायी जा रही है, जबकि धमतरी में एक हाथी के बच्चे की दलदल में फंसकर मौत हो गयी। गरियाबंद से 21 हाथियों का दल भटककर धमतरी पहुंचा था। हाथियों के संरक्षण के लिए काम करने वाले नितिन सिंघवी का कहना है कि हाथियों की मृत्यु का वास्तविक कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन दलदल में फंसे हाथी के बच्चे को तो बचाया जा सकता है। कहीं-कहीं इसमें वन विभाग की लापरवाही दिखती है।
गठित की जांच कमेटी
एक के बाद एक हाथियों की हो रही मौत से वन्यजीव संरक्षण विभाग के अफसर हैरान और परेशान हैं। सरगुजा संभाग में हुई हाथियों की मौत के मामले में अनेक अफसरों पर गाज गिरी। डीएफओ को हटाकर जांच कमेटी गठित कर दी गई है। इस बीच धमतरी और रायगढ़ में भी हाथियों की मौत ने वन अफसरों की चिंता बढ़ा दी है।
करंट के संपर्क में आ गया था हाथी
ताजा घटनाक्रम के अनुसार धरमजयगढ के गेरसा में करंट से लगने से हाथी की मौत हो गई है। गेरसा के जंगलों में आज सुबह एक नर हाथी गांव की सीमा में घुस आया था। जहां खेत में सबमर्सिबल पंप के कनेक्शन तार में उलझकर वह करंट के संपर्क में आ गया। बारिश होने की वजह से खेत में पानी भरा था। जिसके कारण करंट हाथी के शरीर में तेजी से फैल गया और उसे वहां से भागने का मौका नहीं मिला।
दलदल में फंसकर हुई मौत
कीचड़ में फंसकर उसकी मौत हो गई। डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि तार की उंचाई 5 से 6 फीट ही थी। इसलिए हाथी की मौत के बाद पीओआर भी दर्ज किया जा रहा है। विभाग ने खेत के मालिक ग्रामीण भागीलाल राठिया और लाल सिंह पर वन अपराध कायम कर विवेचना शुरू कर दी है। अभी घटना के सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी। फिलहाल मृत हाथी के लाश का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।