नर्सिंग मान्यता फर्जीवाड़े मामले में दो जजों ने खुद को किया सुनवाई से अलग..शीघ्र होगी सुनवाई

NEWS INVESTIGATION / VILOK PATHAK
जबलपुर चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच में लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की जनहित याचिका के साथ लगभग 50 मामलों की एक साथ सुनवाई हुई। जिसमें राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने नर्सिंग काउंसिल की तरफ से एक आवेदन पेश कर कोर्ट से जीएनएम की परीक्षाओं के रिजल्ट जारी करने की अनुमति मांगी। वही याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया की सीबीआई के द्वारा जो रिपोर्ट पेश की गई है वह मध्य प्रदेश के सिर्फ 308 कॉलेज के संबंध में है जबकि अभी 396 नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं जिनकी जांच सीबीआई द्वारा नहीं की गई है। इसके ठीक बाद मामले में डिवीजन बेंच के सदस्य जस्टिस विशाल मिश्रा द्वारा स्वयं को कैसे से पृथक कर लिया। इसके बाद इस मामले को दोपहर में किसी अन्य डिविजनल बेंच के समक्ष लिस्ट करने के आदेश दिए। शाम 4:00 बजे जस्टिस विनय श्रॉफ एवं जस्टिस शील लागू की डिविजनल बेंच में सुनवाई हुई। इसमें भी महाधिवक्ता द्वारा जीएनएम की परीक्षाओं के रिजल्ट जारी करने की मांग की गई। याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से बेंच से पहले परीक्षण करने का आग्रह किया गया। इसमें कहा गया की नर्सिंग कॉलेज की जांच होना बाकी है एवं सीबीआई जांच में क्या वह सभी मुद्दे शामिल कर लिए गए हैं जो याचिका में उठाए गए थे। एवं इसके बाद ही कोई आदेश पारित करने का आग्रह किया गया। मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस शील लागू की अगवाई वाली डिविजनल बेंच ने भी स्वयं को नर्सिंग केस की सुनवाई से अलग कर लिया। कोर्ट ने मामले को एक-दो दिनों एक नई डिविजनल बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए आश्वस्त किया है।
51/33/11