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81 वर्षीय माताजी सहित परिवार के 6 सदस्यों ने दी कोरोना को मात

आत्मबल से हारा कोरोना....

सिवनी / आज जब हिन्दुस्तान ही नही बल्कि दुनिया भर के तमाम देश कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ रहे हैं तो सकारात्मक खबरें और विचार इस बात का संकेत देती हैं कि इस संकट से जल्द ही बाहर आ जाएंगे आवश्यकता है तो सिर्फ़ मज़बूत आत्मबल की.

जी हां ऐसी ही एक ख़बर है, धूमा नगर के एक जैन परिवार की जिसमें एक महिला और एक दुधमुंहे बच्चे को छोड़ घर के शेष सभी 6 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद इस महामारी को हराकर वापस अपने घर स्वस्थ और सुरक्षित लौट आए हैं।

उक्त घटना सिवनी जिले के धूमा ग्राम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक राजेंद्र जैन के परिवार का है, जिनकी पुत्री, पुत्र, भाई और उनकी वयोवृद्ध 81 वर्षीय माँ कोविड पॉजिटिव होने के बाद मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 15 दिन तक एडमिट रहे जबकि उनकी पत्नी ने घर पर ही आइसोलेट रहकर कोरोना को पराजित किया।

कोविड संक्रमण के प्रारंभ में तेज बुखार, हाथ-पैर व सर दर्द तथा सर्दी खांसी को वायरल फीवर समझ कर प्रारंभिक इलाज लखनादौन के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कराया, जहां ब्लड टेस्ट होने पर मलेरिया व टाइफाइड का इलाज तीन-चार दिन तक चला. लेकिन, स्वास्थ्य में सुधार न होने के कारण पांचवें दिन राजेन्द्र जैन ने यह सोचा कि जबलपुर जाकर किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज कराया जाए और सभी जबलपुर गए जहां जांच में पहले तीन लोग कोरोना पॉजिटिव आए और फिर बाद में मां और भाई का भी टेस्ट पॉजिटिव आया और इस तरह ऑक्सीजन की कमी, सांस लेने में तकलीफ़ हल्की होने के कारण वह सब उसी दिन मेडिकल कॉलेज जबलपुर के कोविड वार्ड में भर्ती हो गए.

जहां सभी ने न केवल स्वस्थ होने का दृढ़ संकल्प लिया बल्कि मनोभाव भी ऐसा बनाया कि हमें शीघ्र स्वस्थ होकर वापस घर जाना है. राजेन्द्र जी की 81 वर्षीय माँ विमला देवी, जिन्हें संक्रमण थोड़ा ज़्यादा था वो अधिक उम्र के कारण उन पर खतरा भी अधिक था वे प्रतिदिन डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ से कहतीं थीं कि आप अच्छा इलाज कर रहे हैं अब तो बस हम ठीक ही हो जाएंगे.

एक दिन विमला देवी का ऑक्सीजन लेवल अचानक कम होने लगा और 11 लीटर के ऑक्सीजन फ्लो के बाद भी उनका ऑक्सीजन लेवल, 85 के आसपास ही था तब भी उन्होंने अपने बेटे राजेंद्र से कहा कि बेटा घबराना नही मैं बिल्कुल ठीक हो जाऊंगी और हुआ भी यही शाम तक उनका ऑक्सीजन लेवल 95 के पार पहुंच गया और यह सब दवाओं के अतिरिक्त मज़बूत आत्मबल, दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही हुआ.

81 वर्षीय विमला देवी जैन ने कहा कि अपनी इच्छा और मन की शक्ति को बढ़ाइये, किसी भी कार्य को करने के लिए दृढ़तापूर्वक निश्चय कीजिए, यदि आपने यह सब कर लिया तो आपको जीत हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता. वर्तमान समय संकट का समय है, समाज मे चहुं ओर निराशा व्याप्त है किंतु यदि प्रत्येक व्यक्ति आशावान हो जाए और इस महामारी को हराने के लिए दृढ़ संकल्प कर लें तो फिर कोरोना तो क्या किसी भी बड़े से बड़े संकट का सामना आसानी से किया जा सकता है ।

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