बक्सवाहा में एनजीटी ने लगाई पेड़ों की कटाई पर रोक…..वन विभाग की अनुमति के बिना एक भी पेड़ ना काटा जाए
वन संरक्षण कानून के धारा 2 के तहत एक्स्पर्ट कमेटी गठित हो
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / विलोक पाठक
बक्सवाहा मे हीरा खदान के लिए लाखों पेड़ काटने का मामले को लेकर एनजीटी में सुनवाई हुई । प्रकृति के संरक्षण को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई पर यााचिकाकर्ता पीजी नाजपाण्डे की तरफ से प्रख्यात अधिवक्ता प्रभात यादव ने अपने तक रखें वही एनजीटी की तरफ से अधिवक्ताओं ने पैरवी की तथा
विधि छात्र आपत्ति करता उज्जवल शर्मा ने भी अपने तर्क प्रस्तुत किए विद्वान न्यायाधीशों ने तमाम तर्कों को सुनने के बाद पेड़ों के कटाई पर रोक लगाने हेतु कहा साथ ही वन विभाग की अनुमति आवश्यक बताई। इसके बाद उन्होंने वन संरक्षण कानून के धारा 2 के तहत एक्स्पर्ट कमेटरी गठित करने कहा । इस मामले मेंकहा कि अनावेदक 4 सप्ताह में जवाब पेश करे।
एनजीटी भोपाल के जस्टीस शिव कुमार सिंग तथा एक्स्पर्ट मेंबर मा. अरुण कुमार वर्मा ने एक अहं आदेश जारी किया है , कि मप्र के मुख्य वनसंरक्षक यह देखे की कोई भी पेड़ नहीं कटना चाहिये, इसके लिये वन विभाग की अनुमति आवश्यक है। आदेश में वन संरक्षण अधिनियम के धारा 2 में प्रदत्त गाइड लाइन का सख्त पालन दिया जाना चाहिये, इस के तहत एक्स्पर्ट कमेटी का गठन भी होना चाहिये।
आदेश में अधिकाकर्ताओं को निर्देश दिये गये की सभी आवश्यक कागजात तथा याचिका की कॉपी अनावे दकों को प्रस्तुत करे । अनावेदक अपने जवाब 4 सप्ताह के भितर प्रस्तुत करे।
मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त 2021 तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. पी. जी. नाजपांडे तथा रजत भार्गव ने बक्सवाहा जंगल में हीरा खदान ही अनुमति देने के खिलाफ याचिका नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल में दाखिल की थी। जिसपर माननीय एन जी टी ने प्राथमिक सुनवाई में हीरा खदान कंपनि एस्सेल इंडस्ट्रिज को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड प्रभात यादव पैरवी कर रहे है ।