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चैन पुलिंग की रोकथाम एवं अवैध वेंडरों के विरुद्ध रेलवे ने चलाया अभियान

न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में रेल सुरक्षा बल, रेल संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारियों का कुशलता पूर्वक निर्वहन करने हेतु चौबीस घंटे सतत् कार्य करते हुये सुरक्षित माल परिवहन के साथ-साथ रेल यात्रियो की सुरक्षा एवं सहायता कर रही है। इसी कड़ी में पश्चिम मध्य रेल में रेल सुरक्षा बल द्वारा अनाधिकृत रूप से चैन पुलिंग करने वालों एवं खाद्य सामग्री बेचने वालों अवैध वेंडरों के विरुद्ध समय-समय पर अभियान चलाया। जिसमें इस अभियान के तहत प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देशन में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) जबलपुर, कोटा एवं भोपाल मंडल द्वारा तीनों मण्डलों के अलग-अलग स्टेशनों पर अनाधिकृत रूप से चैन पुलिंग करने वाले व्यक्तियों/ यात्रियों एवं खाद्य सामग्री बेचने वालों अवैध वेंडरों पर कार्यवाही करने हेतु विशेष टीमों का गठन किया गया एवं सभी आरपीएफ पोस्ट प्रभारियों को रेलवे स्टेशनों, सेक्शन मे बिना उचित कारण चैन पुलिंग करने वालों एवं खाद्य सामग्री बेचने वालों अवैध वेंडरों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए है।
आरपीएफ द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दो माह अप्रैल एवं मई 2024 में पश्चिम मध्य रेलवे के स्टेशनों और यात्री ट्रेनों पर कार्यवाही करते हुए अभियान के तहत चैकिंग की गई। इस तरह अलार्म चैन पुलिंग चैकिंग मे 1721 व्यक्तियों/रेल यात्रियों को अवैध रूप से चैन पुलिंग करते हुए पकड़ा गया, जिनके विरूद्ध रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत प्रकरण दर्ज कर, उन्हें रेलवे न्यायालय में पेश किया गया जहां उनसे कुल 6 लाख 12 हजार 378 रूपये जुर्माना वसूल किया गया।
इसी तरह आरपीएफ द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के दो माह अप्रैल एवं मई 2024 में पश्चिम मध्य रेलवे के यात्री गाड़ियों एवं स्टेशनों पर अनाधिकृत रूप से खाद्य सामग्री बेचने वाले 3033 वेंडरों पर रेल अधिनियम की धारा 144 के तहत कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज करते हुये उन्हे न्यायालय में पेश किया गया जहाॅ उनसे कुल 24 लाख 94 हजार 364 रूपये जुर्माना वसूल किया गया।

चैन पुलिंग की घटना से यात्रियों एवं परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अनावश्यक रूप से यात्री गाडी में चैन पुलिंग करने पर चैन खीचने वालो के विरूद्व रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है। जिसके अनुसार न्यायालय में पेश होने पर 1000/-रूपये का जुर्माना या 06 माह तक के कारावास से दण्डित किया जा सकता है। अनाधिकृत रूप से रेल परिसर और यात्री ट्रेनों में खाद्य सामग्री बेचने वालों अवैध वेंडरों के विरूद्व रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है। जिसके अनुसार न्यायालय में पेश होने पर रूपये 2000/- तक का जुर्माना या एक वर्ष तक का कारावास या दोनो हो सकता है। रेल सुरक्षा बल द्वारा यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।

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