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गया में पिंडदान के बाद इन नियमों का करें पालन, तभी मिलेगा पूर्ण फल, जानें सबकुछ

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✒️ पं.चन्द्रशेखर शर्मा

👉सनातन धर्म में श्राद्ध पक्ष को बेहद खास माना जाता है. यह 16 दिनों तक चलते हैं. मान्यताओं के अनुसार लोग इस समय अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं.

👉पितृ पक्ष का समय अपने आप में बेहद अहम माना गया है. इस समय लोग अपने पूर्वजों के नाम से तर्पण करते हैं. दान-पुण्य करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. ऐसा माना जाता है कि इस समय जो लोग पिंडदान करते हैं. उन्हें पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती. वहीं जो लोग इस समय में अपने पूर्वजों का तर्पण करने के लिए गया जाते हैं, उन्हें कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए.

👉सनातन धर्म में श्राद्ध पक्ष को बेहद खास माना जाता है. यह 16 दिनों तक चलते हैं. मान्यताओं के अनुसार लोग इस समय अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं. इसके साथ ही उनका पिंड दान करते हैं. इस दौरान पिंड दान करने से पितरों को मुक्ति मिलती है. इस समय जो लोग गया में पिंडदान करते है. उन्हें गया से आने के बाद किन नियमों का पालन करना चाहिए इस बारे में विस्तार से जानते है.

👉पितृ दोष के उपाय

जिन लोगो की कुंडली मे पितृ दोष होता है. वह पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं. उन्हें पितृ पक्ष के समय ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इसके अलावा पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वहीं इस समय गीता का पाठ भी अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही पंचबली भोग निकालना चाहिए. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

👉तर्पण के बाद जरूर करें ये काम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग पितृ पक्ष में अपने पितरों का तर्पण करने के लिए जाते हैं. उन्हें वहां से लौटने के बाद कुछ ऐसे नियम हैं. जिनका पालन जरूर करना चाहिए. इस समय आपको विष्णु भगवान के नाम से गरीब ब्राह्मणों और अपने परिवार के सदस्यों को भोजन करवाना चाहिए. इन चीजों के बाद ही श्राद्ध पूर्ण माना जाता है. उसके शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. ऐसा कहा जाता है कि घर पर आने के पश्चात श्री हरि की विधिवत पूजा और सत्यनारायण कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए या सुनना चाहिए।

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