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मप्र हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने पत्र जारी कर सी. जे. बंगले में मंदिर तोड़े जाने के आरोपों का किया खंडन

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विलोक पाठक 

न्यूज़ इन्वेस्टीगेशन

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने एक पत्र जारी किया। इस पत्र में उन्होंने मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के बंगले में मंदिर तोड़े जाने के आरोपों का खंडन किया। ये आरोप उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने लगाए थे। हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धरमिंदर सिंह द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस मामले पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने भी जांच और पुष्टि की है। पीडब्ल्यूडी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत के बंगले पर कभी भी भगवान हनुमान का मंदिर स्थापित नहीं था। मंदिर हटाने के झूठे आरोपों के पीछे कोई तथ्य नहीं है। रजिस्ट्रार जनरल के बयान में यह भी कहा गया है कि इन निराधार आरोपों से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा पर हमला किया गया है। ऐसी झूठी खबरें न केवल जनता को गुमराह करती हैं बल्कि यह न्यायपालिका को गलत रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है। इस प्रकार के कृत्य न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास को कमजोर करने का षड्यंत्र प्रतीत होते हैं। उच्च न्यायालय ने इस बात पर विशेष ध्यान दिलाया कि ऐसी भ्रामक खबरें न्याय प्रशासन में सीधे हस्तक्षेप के समान हैं। इसे न्यायालय की अवमानना के रूप में देखा जा सकता है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और पवित्रता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस सहित प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को एक शिकायती पत्र भेजा था। 23 दिसंबर को भेजे गए इस पत्र की प्रतियों के सहित जानकारी मीडिया को 27 जनवरी को मिली। शिकायती पत्र में चीफ जस्टिस के बंगले में स्थित हनुमान मंदिर को तोड़ने का आरोप लगाया गया था और हाई लेवल जांच कमेटी शेष मामले की जांच करने की मांग की गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की पुष्टि के बाद इससे जुड़ी हुई खबरें प्रकाशित हुई थी। इसके बाद हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के द्वारा इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए इनका खंडन किया गया है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार के रविंद्र नाथ त्रिपाठी के द्वारा की गई शिकायत के बाद हाई कोर्ट बार काउंसिल ने भी शिकायत का समर्थन किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस से शिकायत करते हुए यह आरोप लगाए गए थे कि चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत के बंगले में मंदिर को तुड़वाया गया है। इस शिकायत में यह आरोप था कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत के बंगले से भगवान हनुमान का मंदिर हटाया गया है। इस शिकायत की प्रति मीडिया को उपलब्ध कराए जाने के बाद इससे जुड़ी खबरें प्रकाशित हुई थी। हाईकोर्ट बार कौंसिल अध्यक्ष डी के जैन ने भी इस शिकायत की पुष्टि की थी।

हाइकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए इन दावों को झूठा, भ्रामक और पूरी तरह निराधार बताया है। न्यायालय ने यह भी कहा कि ये खबरें जनता को गुमराह करने और न्यायिक प्रणाली की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का प्रयास हैं। न्यायालय ने मीडिया संगठनों और आम जनता से अपील की है कि वे ऐसी अपमानजनक और असत्यापित जानकारी को फैलाने से बचें। रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्षता को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस जवाब से न्यायालय ने मीडिया से आग्रह किया कि किसी भी समाचार को प्रकाशित करने से पहले उसकी सत्यता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जाए।

 

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