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सुप्रीम कोर्ट और एजीटी के आदेश नहीं माने कलेक्टर ने …..एन जी टी में याचिका दायर …

NEWS INVESTIGATION /  न्यूज़ इन्वेस्टीगेशन 

जबलपुर.   उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच  के डॉ. पीजी नाजपांडे ने एक जनहित याचिका अधिवक्ता प्रभात यादव के माध्यम से दायर की है. याचिका में हीरा खदान के नाम पर जारी की गई अनुमति को निरस्त करने की मांग की गई है , उल्छलेखनीय  है  कि छतरपुर जिले के बक्सवाहा में  हीरा खदान की अनुमति का मामला अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) भोपाल पहुंच गया है.

जानकारी के मुताबिक छतरपुर जिले के बक्सवाहा में सोगोरिया गांव के अंतर्गत 364 हेक्टेयर जंगल के इलाके में हीरा खदान के लिए एक निजी कंपनी को अनुमति दी गई है. याचिकाकर्ता डॉ. पीजी नाजपांडे के मुताबिक सरकार द्वारा 364 हेक्टेयर जमीन पर दी गई हीरा खदान की अनुमति कई मायनों में गलत है.

डॉ. नाजपांडे ने कहा कि सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट और NGT द्वारा स्टेनेबल डेवलपमेंट के आदेशों की अनदेखी अनुमति में की गई है. NGT ने अपने पूर्व आदेश में स्पष्ट कहा  है कि जितनी भी जंगल  भूमि को डायवर्ट किया जाता है, उसके दुगने वन क्षेत्र पर कंपनसेटरी फॉरेस्टेशन किया जाये . लेकिन छतरपुर कलेक्टर ने इस बात की भी अनदेखी  कर दी. डॉ. नाजपांडे ने बताया  कि हीरा खदान से वहां रहने वाले करीब 8000 लोगों  पर इसका असर पड़ेगा. इनके लिए सरकार ने किसी तरह की योजना  नहीं बनाई है. . बड़ी बात यह भी है कि खदान के बनने से वन भूमि के जल स्त्रोतों को बड़ा नुकसान भी पहुंचेगा. तमाम दलीलों को याचिकाकर्ता ने अपने जनहित याचिका में प्रदर्शित किया है. इस पर आने वाले सप्ताह में सुनवाई हो सकती है.

 

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