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अब बाढ़ के लिए भी नेपाल ने भारत को कोसा, कहा- सीमा पर सड़कें बना हमें डूबो दिया

इन दिनों नेपाल में हर बात के लिए भारत को कोसने का चलन सा बन गया है। यहां तक कि नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने बाढ़ के लिए भी भारत को कोसना शुरू कर दिया है, जबकि सच्चाई यह है कि पड़ोसी देश से अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से हर साल उत्तर बिहार में भारी तबाही मचती है। भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने में जुटी केपी शर्मा ओली सरकार में गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने अब बाढ़ के लिए भी भारत पर ठीकरा फोड़ दिया है।

नेपाली मीडिया हाउस कांतिपुर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने सोमवार को कहा कि भारत ने सीमा के समानांतर सड़कों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करके पानी की निकासी रोक दी और नेपाल को डूबो दिया है। उन्होंने भारत पर नेपाल से बहने वाली नदियों में हस्तक्षेप और संधियों-समझौतें के उल्लंघन का भी आरोप लगाया।

प्रतिनिधि सभा की लोक प्रशासन और सुशासन समिति की एक बैठक में थापा ने कहा कि भारत ने सीमा के समानांतर सड़कों का निर्माण किया है इसलिए तराई क्षेत्र बाढ़ग्रस्त है। अगर कोई रास्ता नहीं निकला तो नेपाल पूरी तरह डूब जाएगा। उन्होंने अपनी रक्षा के लिए बांध और तटबंध बनाए, लेकिन नेपाल के लिए खतरा है। मंत्री ने कहा कि इसको लेकर दोनों देशों में चर्चा भी हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया गया था।

मंत्री थापा ने कहा कि भारत को नेपाल को डूबने से रोकने के लिए पानी को निकास प्रदान करना चाहिए। समिति की चर्चा के दौरान सांसदों ने कहा कि भारत ने नेपाल की सीमा पर पूर्व मेची से पश्चिम महाकाली तक सड़कों का निर्माण करके वर्षा जल निकासी रोक दी है। भारत द्वारा बनाए गए बांधों के कारण नेपाल जलमग्न है।

गौरतलब है कि नेपाल में सप्तकोशी के पहाड़ी क्षेत्र में लगातार बारिश से तराई क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं। सप्तकोसी नदी में जलस्तर काफी बढ़ जाने से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नेपाल ने काफी पानी भारत की ओर छोड़ा है, जिससे उत्तर बिहार में एक बार फिर बाढ़ के हालात बन गए हैं। कोसी, कमला, गंडक सहित अधिकतर नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।

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