शैलवारा आश्रम परिसर में पशुओं को बंद कर, संतो से अभद्रता

न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
सिहोरा/ तहसील के दिव्य संत श्री प्रकाशवन अवधूत जी महाराज के आश्रम शैलवारा धाम में कुछ स्थानीय ग्रामीण रात के समय आवारा पशुओं को आश्रम परिसर की बाउंड्री के अंदर करके बंद कर देते हैं जिन्हें सुबह निकालते हैं। और रोकने पर संत जनों से अभद्रता पूर्वक व्यवहार करते हैं जिससे मन्दिर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
सिहोरा से मझगवां के पास स्थित शैलवारा धाम आश्रम में ग्राम के ही कुछ लोग काजी हाउस बंद होने की वजह से आवारा पशुओं को आश्रम परिसर की बाउंड्री के अंदर भेजकर गेट बंद कर देते हैं । जिन्हें आश्रम के संतो द्वारा रोका भी गया किंतु दबंगई करते कुछ तत्व जबरन मवेशियों को बाउंड्री के अंदर प्रतिदिन बंद कर देते हैं। जिससे आश्रम की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है साथ चारों तरह गोबर ही फैला हुआ है, आश्रम में कार्य करने वाले सभी सन्त और गुरु जी के सेवादार बुजुर्ग हैं जिनको सफाई करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। मन्दिर परिसर में आवारा पशु एक आम समस्या है, यह समस्या श्रद्धालुओं और मंदिर के रखरखाव करने वाले कर्मचारियों और आसपास के लोगों के लिए कई तरह की परेशानियाँ पैदा कर सकती है, जैसे कि मंदिर की पवित्रता का खंडन, श्रद्धालुओं को नुकसान, और गंदगी से बीमारियाँ फैलने का खतरा बना हुआ। ऐसे में यदि संत इन लोगों को रोकते हैं तो अभद्र व्यवहार किया जाता है। जबकि यह आश्रम पूरे क्षेत्र सहित सभी अनुयायियों के धार्मिक आस्था का केंद्र भी है जिसकी वजह है आश्रम में आने वाले भक्तों में इस प्रकार की गंदगी से नाराजगी भी है।
धार्मिक आस्था का हनन
आस्था का केंद्र मझगवां के आगे स्थित शैलवारा धाम सभी भक्तों और शिष्यों के लिए एक पवित्र धार्मिक आस्था का बिंदु है जिसमे आवारा पशु मंदिर के रखरखाव में भी बाधा डाल सकते हैं, साथ ही पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाना या मंदिर परिसर के निर्माण को खराब करना। आवारा पशु श्रद्धालुओं के हाथ से पूजन सामग्री या प्रसाद छीन सकते हैं, जिससे उनके साथ दुर्घटना भी हो सकती है स्थानीय ग्रामीणों को मिलकर इन समस्याओं पर सहयोग करना चाहिए, ताकि मंदिर की पवित्रता बनी रहे, श्रद्धालुओं को नुकसान न हो, और आसपास का वातावरण स्वच्छ बना रहे।
आश्रम में फैला गोबर
रातो आश्रम परिसर की बाउंड्रीवाल के अंदर कुछ ग्रामीण जबरन दबंगई करके मवेशियों को रात भर के लिए बंद करके चले जाते हैं जिससे पूरे मन्दिर परिसर चारों तरफ गोबर ही गोबर फैला हुआ और मन्दिर की सफाई व्यवस्था नष्ट हो गई है जिसको लेकर शैलवारा धाम मन्दिर में पूजन और सेवा करने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। और सफाई करने में दिक्कतें होती हैं।