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NEET, JEE परीक्षाओं का विरोध तेज, इन नेताओं ने मिलाए छात्रों के सुर में सुर

नई दिल्ली:जेईई और नीट परीक्षा लिए जाने का विरोध अब तक छात्रों द्वारा किया जा रहा था, अब इन परीक्षाओं के विरोध में राजनीतिक पार्टियां भी उतर आई हैं. छात्रों के सुर में सुर मिलाते हुए विपक्षी दल केंद्र सरकार फैसले का विरोध करने के साथ साथ नीट और जेईई परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और ओडिशा सरकार ने केंद्र से छात्रों की चिंताओं पर विचार करने का आग्रह किया है.

 

नीट, जेईई एग्जाम मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ भी करेंगी. सोनिया पार्टी शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों और ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे एवं हेमंत सोरेन के साथ डिजिटल बैठक कर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से साझा रणनीति बनाएंगी. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से छात्रों के ‘मन की बात’ पर विचार करने और प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने के मुद्दे को हल करने का आग्रह किया था.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार से दूसरी बार नीट, जेईई 2020 परीक्षाओं को स्थगित करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि परीक्षा तब तक आयोजित नहीं की जानी चाहिए, जब तक स्थिति फिर से सामान्य नहीं हो जाती. ममता ने कहा कि अगर परीक्षाएं निर्धारित समय पर कराई जाती हैं तो इससे छात्रों को कोविड-19 महामारी की चपेट में आने का खतरा होगा. ममता बनर्जी ने यहां तक कहा था कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने सभी छात्रों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करें.

 

दिल्ली सरकार ने भी छात्रों के सुर में सुर मिलाते हुए इस वर्ष नीट और जेईई की परीक्षाएं रद्द किए जाने की मांग की थी. दिल्ली ने केंद्र से कहा था कि इन परीक्षाओं के स्थान पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाए. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘जेईई और नीट की परीक्षा के नाम पर केंद्र सरकार लाखों छात्रों की जि़ंदगी से खेल रही है. मेरी केंद्र से विनती है कि पूरे देश में ये दोनो परीक्षाएं तुरंत रद्द करें और इस साल एडमिशन की वैकल्पिक व्यवस्था करे.’ यहां इस बात का जिक्र करना भी जरूरी है कि फिलहाल नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं का विरोध कर रही दिल्ली सरकार खुद कुछ समय पहले तक दिल्ली में स्कूल खोले जाने की पक्षधर थी.

इसके अलावा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को सितंबर में आयोजित हो जा रही इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को स्थगित करने का अनुरोध करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा केंद्र पर जाना काफी असुरक्षित होगा. पत्र में CM पटनायक ने लिखा, ‘जेईई मेन में राज्य में 50 हजार और नीट में 40 हजार बच्चे शामिल होंगे. महामारी के चलते छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र पर आना असुरक्षित होगा. इसके अलवा कई जिलों में स्थानीय तौर पर लॉकडाउन/शटडाउन चल रहा है, वहां परिवहन सुविधा भी बाधित है. ओडिशा का काफी बड़ा आदिवासी इलाका शहरी क्षेत्रों से दूर है. आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को काफी लंबी यात्रा कर परीक्षा देने पहुंचना होगा. ऐसे में परीक्षा स्थगित कर देनी चाहिए, ये मेरा अनुरोध है.

ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के चलते नीट और जेईई मेन परीक्षाओं को दो बार स्थगित किया जा चुका है. पहले ये परीक्षाएं मई में होनी थीं, जिन्हें बाद में जुलाई में करवाने का फैसला किया गया. हालांकि संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर नीट और जेईई मेन की परीक्षाएं सितंबर में कराने का फैसला किया गया. अब जेईई मेन की परीक्षाएं एक से छह सितंबर और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जानी है.’

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