इनोवेशन रैंकिग में मध्य और दक्षिण एशिया में नंबर वन बना भारत
नई दिल्ली । इनोवेशन के मामले में पिछले कुछ वर्षों में भारत की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है। इस साल के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 4 स्थान के सुधार के साथ 48वें स्थान पर पहुंच गया है। दिलचस्प बात यह है कि मध्य और दक्षिण एशिया में भारत पहले स्थान पर है। 2015 में भारत ग्लोबल इंडेक्स में 81वें नंबर पर था। 2016 में वह 66वें, 2017 में 60वें, 2018 में 57वें और 2019 में 52वें स्थान पर था। सूची में इसबार फिर स्विट्जरलैंड ने अपनी टॉप रैंकिंग बरकरार रखी है। इसी तरह स्वीडन दूसरे और अमेरिका तीसरे स्थान पर हैं। ब्रिटेन एक स्थान के सुधार के साथ चौथे स्थान पर आ गया है जबकि नीदरलैंड्स एक स्थान फिसलकर पांचवें पर चला गया है। रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने पहली बार टॉप 10 में जगह बनाई है। वह टॉप 10 में जगह पाने वाला दूसरा एशियाई देश है। सिंगापुर इस सूची में 8वें स्थान पर है। छठे नंबर पर डेनमार्क, सातवें पर फिनलैंड और नौवें नंबर पर जर्मनी है।
क्या हैं भारत की सफलता का राज
इस सूची में भारत के अलावा चीन, फिलीपींस और वियतनाम ने हाल के वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है। चीन 14वें स्थान पर है। मध्य और दक्षिण एशिया में भारत ने अपनी टॉप रैंकिंग बरकरार रखी है।वहीं इलाके में ईरान दूसरे और कजाकिस्तान तीसरे स्थान पर है। गरीब देशों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा इनोवेटिव इकॉनमी है। भारत ने जीआईआई के सभी इंडिकेटरों में अपनी स्थिति में सुधार किया है। आईसीटी सर्विसेज एक्सपोर्ट्स, गवर्नमेंट ऑनलाइन सर्विसेज, साइंस और इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट्स की संख्या और आरएंडडी इंटेंसिव ग्लोबल कंपनीज जैसे इंडिकेटरों में भारत टॉप 15 में है। आईआईटी बंबई और दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलूरु जैसे संस्थानों और टॉप साइंटिफिक पब्लिकेशंस के दम पर भारत ने यह मुकाम हासिल किया है।