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दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को दिया आदेश-EWS के छात्रों को दें लैपटॉप या मोबाइल

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान प्राइवेट स्कूलों और प्राइवेट अनएडेड स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को ऐसे गैजेट मुहैया कराने का आदेश दिया है, जिससे वो ऑनलाइन क्लासेज कर सकें, ताकि उनकी पढा़ई में बाधा ना उत्पन्न हो. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार और प्राइवेट स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने इसके लिए सरकारी स्कूलों के साथ केंद्रीय विद्यालय के स्कूलों को भी इस आदेश में शामिल किया है, जहां गैजेट उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है. कोर्ट ने इस मौके पर यह भी कहा कि सभी छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज का लाभ मिलना चाहिए. कोर्ट ने गैजेट के साथ छात्रों को इंटरनेट का पैक भी देने की बात कही है.

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्प्ष्ट किया है कि ऐसे गैजेट-डिजिटल उपकरण के साथ-साथ इंटरनेट पैकेज की लागत ट्यूशन शुल्क का हिस्सा नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों और सरकारी स्कूलों द्वारा ईडब्ल्यूएस और डीजी छात्रों को मुफ्त में प्रदान किया जाना है.

जस्टिस मनमोहन और संजीव नरूला की पीठ ने कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के तहत राज्य से उपकरण और इंटरनेट पैकेज की खरीद के लिए उचित लागत की प्रतिपूर्ति का दावा करने के हकदार होंगे.

इसी के साथ पीठ ने आदेश दिया है कि एक 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाए, जो गरीबों को गैजेट्स की पहचान करने और आपूर्ति करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कार्य करें.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट लॉकडाउन के दौरान गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप या मोबाइल फोन देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा था. कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया था कि गरीब बच्चों के पास लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेस लेने के लिए संसाधन नहीं है, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित है.

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