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पुलवामा हमले के लिए उमर फारूक के खातों में 10 लाख जमा किए गए – एनआईए

नई दिल्ली । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों और उनके कमांडरों ने मोहम्मद उमर फारूक के बैंक खाते में 10 लाख रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) जमा करवाए थे।

फारूक इंडियन एयरलाइन आईसी 814 के अपहरण कांड के साजिशकर्ता इब्राहिम अतहर का बेटा था, जिसे हमले के कुछ समय बाद एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था।

पिछले वर्ष फरवरी में हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

जम्मू में मंगलवार को एक विशेष एनआईए अदालत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर 13,800 पन्नों के आरोपपत्र (चार्जशीट) में यह खुलासा हुआ है। जांचकर्ता ने कहा कि फारूक ने पुलवामा आतंकी हमले के लिए मारुति ईको कार, 200 किलोग्राम विस्फोटक और अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए 5.7 लाख रुपये का इस्तेमाल किया।

जांच से जुड़े एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए आईएएनएस को बताया, “मार्च 2019 में भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए फारूक के बैंक खाते में 10 लाख पीकेआर (पाकिस्तानी मुद्रा) जमा किए गए थे।”

अधिकारी ने कहा कि यह राशि फारूक के दो बैंक खातों में जमा की गई थी, जिसे पाकिस्तान में मुहम्मद उमर के नाम से जाना जाता था।

पैसा एलाइड बैंक और मीजान बैंक खाते में जमा किया गया था।

आईएएनएस के पास फारूक के बैंक खातों की दो चेकबुक की जानकारी भी है।

आरोपपत्र में दावा किया गया है कि पुलवामा आतंकी हमले के लिए पूरा खर्च 5.7 लाख रुपये था। यह बात फारूक और पाकिस्तान में एक अन्य जेईएम हैंडलर के बीच हुई बातचीत में सामने आई है।

व्हाट्सएप पर जेईएम हैंडलर्स के साथ फारूक की चैट की एक कॉपी भी आईएएनएस के पास है।

एनआईए ने अपने आरोपपत्र में जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाइयों अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार अल्वी के साथ ही 19 लोगों को नामित किया है।

आरोपपत्र में फारूक का भी नाम लिया गया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ करने वाले और पुलवामा हमले की साजिश में शामिल फारूक ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स से भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शवों की वीडियो क्लिप तैयार करने के लिए कहा था।”

अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर को ‘शहीद’ करार देते हुए कश्मीरी युवाओं को बरगलाते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए कहा गया था।

अधिकारी ने कहा कि जेईएम आतंकवादी घाटी में युवकों को प्रेरित करने के लिए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार पर कश्मीरी भाषा में एक ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाना चाहते थे, जिसने विस्फोटकों से भरी कार से 14 फरवरी 2019 को सुरक्षा काफिले की बस में टक्कर मार दी थी।

संदेशों को पाकिस्तानी सिम काडरें में व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप के रूप में साझा किया गया था, जिसे फारूक ने भारत में प्रवेश के बाद इस्तेमाल किया था।

अधिकारी ने कहा कि हालांकि, बालाकोट हवाई हमलों के कारण इस योजना को खत्म कर दिया गया था।

अधिकारी ने कहा कि यह अदालत में आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का हिस्सा है।

पुलवामा जिले के लेथपोरा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी, 2019 को हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसमें हमलावर की भी मौत हो गई थी।

एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जेएम आतंकवादियों को एक अन्य एनआईए अधिकारी ने कहा कि जैश आतंकियों को बुरहान वानी के समर्थन (सपोर्ट) के बारे में भी अच्छी तरह से पता था, जिसे आठ जुलाई 2016 को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उस समय वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के खिलाफ तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काफी प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी देखने को मिली थीं।

अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में जैश कमांडर आदिल को कश्मीरी युवकों का समर्थन हासिल करने के लिए वानी की तरह ही शहीद के रूप में भी प्रदर्शित करना चाहते थे।

एनआईए की चार्जशीट में दावा किया गया है कि मसूद अजहर के भाई असगर ने भी बालाकोट हमले के बाद फारूक से कश्मीर में लड़ाकू जेट की आवाजाही के बारे में भी पूछा था।

चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक अपने सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होना चाहिए, ताकि सीमा पर घुसपैठ करने वालों को भारत में धकेला जा सके।

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