अगस्ता वेस्टलैंड मामले की सुनवाई 25 सितंबर तक टली, CBI ने 15 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दायर पूरक आरोप पत्र के संज्ञान पर मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शनिवार को मामले के सिलसिले में कथित बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल और राजीव सक्सेना सहित 15 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था।
दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि वह 25 सितंबर को चार्जशीट के संज्ञान पर आदेश देंगे। पूरक चार्जशीट में सीबीआई ने संदीप त्यागी, प्रवीण बख्शी, प्रताप कृष्ण अग्रवाल, आईडीएस इन्फोटेक लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक, नरेंद्र कुमार जैन, कोलकाता के राजेश कुमार जैन, ओम मेटल्स इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सुनील कोठारी, मिशेल के करीबी सहयोगी कुन्हिकृष्णन को नामजद किया है।
एजेंसी ने सक्सेना, इंटरस्टेलर टेक्नॉलॉजीज लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक, जियाकोमिनो सपनारो, अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक, दीपक गोयल, गौतम खेतान के एक अधिकारी, आईडीएफसी इन्फोटेक लिमिटेड, एयरोमेट्रिक्स इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, नील माधव कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मैनक एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड, और इंटरस्टेलर टेक्नॉलॉजीज लिमिटेड को भी नामजद किया है। सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट में किसी राजनेता या वरिष्ठ नौकरशाह को नामजद नहीं किया है।
सीबीआई ने इससे पहले, मामले में 1 सितंबर, 2017 को तत्कालीन एयर चीफ मार्शल त्यागी और 11 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। अपनी पहली चार्जशीट में, सीबीआई ने बिचौलियों के माध्यम से भारतीयों को भुगतान की गई 6.7 करोड़ यूरो (करीब 452 करोड़ रुपये) की कुल रिश्वत में से 6.2 करोड़ यूरो (लगभग 415 करोड़ रुपये) का ‘मनी ट्रेल’ का पता लगाया था।