टॉप न्यूज़सिटी न्यूज़

अधिवक्ताओं पर हमला एवं अभद्रता बर्दाश्त नहीं- स्टेट बार कौंसिल

जबलपुर/ जबलपुर सहित म.प्र. के अनेक जिलों में विगत 8 माह में लगातार अधिवक्ताओं के ऊपर हमले, मारपीट व अभद्रता की घटनाएं बढ़ी है। अधिवक्ताओं के साथ बढ़ती घटनाओं तथा न्यायाधीशों द्वारा न्यायालय में अधिवक्ताओं के प्रति की जाने वाली अशोभनीय टिप्पणी पर स्टेट बार कौंसिल अत्याधिक गंभीर है। स्टेट बार कौंसिल के सचिव प्रशांत दुबे ने बताया कि गत दिनों जबलपुर के जिला न्यायालय में घटित घटना पर अधिवक्ताओं द्वारा मंगलवार को एकत्रित होकर शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, जिस पर पुलिस प्रशासन द्वारा न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं को गिरफ्तार किया गया और उनसे अभद्रता की गई। न्यायाधीशों द्वारा अधिवक्ताओं के प्रति की गई अशोभनीय टिप्पणी तथा विधि प्रशासन के कहने पर पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं को गिरफ्तार करने से अधिवक्ताओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई गई, जिससे अधिवक्ता समुदाय अत्यधिक आक्रोशित है।
घटना की गंभीरता को देखते हुये, म.प्र. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने र्जास्टस विजय शुक्ला, र्जास्टस संजय द्विवेदी तथा र्जास्टस विशाल धगट की तीन सदस्यीय विशेष समिति गठित की, जिसकी बैठक बुधवार को हाईकोर्ट में हुई। बैठक में स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष आर.के. सिंह सैनी, प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता, को-चेयरमैन शैलेंद्र वर्मा, मनीष तिवारी, कार्यकारिणी समिति उपाध्यक्ष अहादुल्ला उसमानी तथा सदस्य मनीष दत्त ने प्रदेश के अधिवक्ताओ के हितार्थ पक्ष रखा और प्रतिवाद दिवस मनाने अडिग रहे। तदोपरांत जस्टिसगणों की विशेष समिति ने प्रतिवाद दिवस समाप्त करने तथा इसे आगे नहीं बढाने को कहा। तत्पश्चात स्टेट बार कौंसिल ने घोषणा की है कि आज गुरुवार को संपूर्ण म.प्र. में प्रतिवाद दिवस रहेगा और अधिवक्तागण न्यायालयीन कार्य से विरत रहेंगे। उपाध्यक्ष श्री सैनी ने कहा कि अधिवक्ताओ के सम्मान के प्रति खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
स्टेट बार कौसिल के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार चौधरी, कोषाध्यक्ष श्रीमती रश्मि ऋतु जैन, बीसीआई सदस्य प्रताप मेहता, कार्यकारिणी समिति अध्यक्ष मृगेन्द्र सिंह, को-चेयरमेन प्रेम सिंह भदौरिया, हितोषी जय हार्डिया, राजेश व्यास, अखंड प्रताप सिंह, सदस्यद्वय रामेश्वर नीखरा, जय प्रकाश मिश्रा, नरेंद्र कुमार जैन, राजेश कुमार शुक्ला आदि ने कहा कि राज्य शासन, जिला व पुलिस तथा विधि प्रशासन 10 दिनों के अंदर कोई ठोस व निर्णायक कार्यवाही नहीं करता है तो, स्टेट बार कौंसिल प्रदेश के अधिवक्ताओं के हितार्थ कठोर निर्णय लेने बाध्य होगी।

Tags

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Close
Close