15 ऐतिहासिक किलों के रखरखाव और संरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश पर्यटन निगम सहित प्रमुख सचिव को भेजा लीगल नोटिस

जबलपुर अंग्रेजों ने जबलपुर अंचल के किलों का नोटिफिकेशन सौ वर्ष पूर्व में किया था। आजादी के बाद भी उन्हें संरक्षण तथा पर्यटन की दरकार है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से एड. प्रभात यादव ने लीगल नोटिस भेजा ।
जबलपुर सर्कल के ऐतिहासिक किले स्थापत्य कला के बेजोड़ कृतियां हैं। अंग्रेजों ने भी उनका महत्व समझकर उनका गेजेट में नोटिफिकेशन वर्ष 1922 से 1925 के बीच किया है, लेकिन आजादी मिलने के बाद भी उनका न तो संरक्षण हो रहा है, न ही उनका पर्यटन दृष्टि से विकास किया गया है, नतीजन यह ऐतिहासिक धरोहर खण्डहर बन रहे हैं। ऐसे 15 ऐतिहासिक किले, जिन्हें अंग्रेजों ने गंजेट नोटिफिकेशन देकर महत्व प्रदान किया, उनकी सूची प्रदेश के पुरातत्व एवं पर्यटन विभागों को भेजकर एड. प्रभात यादव ने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पी.जी. नाजपांडे तथा रजत भार्गव की ओर से लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में बताया है कि इन ऐतिहासिक किलों के नोटिफिकेशन के बाद उन्हें 1958 के कानून के तहत् संरक्षण देकर उनका विकास करना यह सरकार का दायित्व हो गया है। लेकिन यह घरोहर बदहाल स्थिति में है। इनमें से कुछ किलों के लिये पहुंच मार्ग तक नहीं बनाये गये हैं। रखरखाव के अभाव में किलों की दीवारें वह रही हैं। आस-पास की जमीनों पर अतिक्रमण हो रहा है। यदि पर्यटन विकास होता तो इन बेजोड़ ऐतिहासिक कृतियों को प्रसिद्धी मिलती, लेकिन शासन ने इनके तरफ दुर्लन किया है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रतिनिधियों ने न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन से चर्चा के दौरान बताया कि दिनांक 09/12/2021 को जबलपुर के पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से उनके कार्यालयों में विस्तृत चर्चा की थी, किंतु इसे अब 2 माह बीत चुके फिर भी आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई है। इसी कारण लीगल नोटिस भेजा जा रहा है।
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