महिला सशक्तिकरण की सार्थकता तभी…जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हों ..

◆ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की आप सभी देशवासियों एवं संस्कारधानी वासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
रक्षा अनुराग सोनी (ब्रिटिश फाउंडेशन स्कूल)
आज सबसे ज्यादा महिला सशक्तिकरण की बातें होंगी। लेकिन महिला सशक्तीकरण क्या है यह कोई नहीं जानता। महिला सशक्तीकरण एक विवेकपूर्ण प्रक्रिया है। हमने अति महत्वाकांक्षा को सशक्तिकरण मान लिया है।
मुझे लगता है महिला दिवस का औचित्य तब तक प्रमाणित नहीं होता जब तक कि सच्चे अर्थों में महिलाओं की दशा नहीं सुधरती। महिला नीति है लेकिन क्या उसका क्रियान्वयन गंभीरता से हो रहा है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या उन्हें उनके अधिकार प्राप्त हो रहे हैं। वास्तविक सशक्तीकरण तो तभी होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी। और उनमें कुछ करने का आत्मविश्वास जागेगा।
यह महत्वपूर्ण है कि महिला दिवस का आयोजन सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं रह जाए। वैसे यह शुभ संकेत है कि महिलाओं में अधिकारों के प्रति समझ विकसित हुई है। अपनी शक्ति को स्वयं समझकर, जागृति आने से ही महिला घरेलू अत्याचारों से निजात पा सकती है। कामकाजी महिलाएं अपने उत्पीड़न से छुटकारा पा सकती हैं तभी महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी ।
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