राजस्व रिकार्ड में खसरा के कैफियत कालम में सिर्फ माढ़ोताल दर्ज था. फिर कैसे बदल गया रिकॉर्ड…. अपर कलेक्टर ने भेजा टण्डन को नोटिस
जबलपुर – माढ़ोताल की भूमि को लेकर एक और नया तथ्य सामने आया है । वर्ष 1909-10 के राजस्व अभिलेख में पानी मद की 54.84 एकड़ इस भूमि के खसरा नम्बर 181 के कैफियत कालम में जहां माढ़ोताल दर्ज है वहीं भू स्वामी के कालम नम्बर पांच में कोई भी नाम दर्ज नहीं था । वर्ष 1954-55 से 1958-59 के राजस्व रिकार्ड के अनुसार पानी मद की इसी भूमि के खसरा के वल्दियत सकूनत का कालम तो रिक्त था । लेकिन कालम नम्बर-12 में बाबू बेनी प्रसाद, नरोत्तम दास, राम मनोहर दास, पुरुषोत्तम, हरिमोहन दास मु. चमेली देवी वेबा मनमोहन दास टण्डन साकिन इलाहाबाद का नाम दर्ज हो गया ।
अपर कलेक्टर ने बताया कि राजस्व अभिलेखों में इस सम्पत्ति की वर्ष 1909-10 की मिसल बंदोबस्त एवं 1954-55 के अधिकार अभिलेख व वाजिब-उल-अर्ज में ग्राम के निस्तार हेतु लेख किया गया है । वहीं कालम नम्बर-12 में सार्वजनिक पानी का निस्तारी तालाब दर्ज है ।
अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया ने यह भूमि किस प्रकार हस्तांतरित हुई और वर्ष 1954-55 के राजस्व रिकार्ड में खसरा के कालम नम्बर-12 में नाम कैसे दर्ज हो गये, इलाहाबाद निवासी पुरुषोत्तम टण्डन को नोटिस जारी कर 17 मई को नियत पेशी पर समक्ष में उपस्थित होकर स्वत्व सबंधी दस्तावेजों के साथ इसका जबाब देने और अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये हैं । नोटिस में कहा गया है कि पेशी पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही कर राजस्व रिकार्ड की दुरुस्ती की जाएगी ।
अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया के अनुसार माढ़ोताल तालाब की भूमि के दस्तावेजों की पड़ताल के दौरान सामने आये इस तथ्य से स्पष्ट है कि माढ़ोताल तालाब की खसरा नम्बर 181 की पानी मद की यह भूमि वर्ष 1909-10 के रिकॉर्ड में शासकीय थी ।