“धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए”
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
“धर्मांतरित व्यक्तियों को आरक्षण का लाभ क्यों दिया जा रहा है…इनको इस सुविधा का लाभ न दिया जाए । इस विषय पर जनजाति सुरक्षा मंच सरकार से इस सार्थक तथ्य पर विचार करने लगातार संघर्षरत है एवं मंच लगातार अपनी मांग को लेकर आंदोलित है। मंच ने मार्च 2022 में दिल्ली प्रदेश में देशभर के 442 सांसदों से संपर्क कर अपनी मांग को लेकर उनसे संवाद स्थापित किया। जिसमें उनका सहयोग संसद के अंदर और देशभर में डॉलिस्टिंग रैली एवं जिला सम्मेलनों के माध्यम से सभी का और सम्पूर्ण जनजाति समाज का सहयोग प्राप्त हुआ। जिसके कारण देशभर में 200 से अधिक जिला रैली की जिसमें समाज के लाखों लोगों की उपस्थिती रही। जो यह बताती है की मंच के इस मांग को लेकर समाज अपने संवैधानिक अधिकारों को लेकर जागृत हुआ है, और उसने अपनी इस आवाज को बुलंद भी किया है ।
मंच के आगामी कार्यक्रम :
– दिसंबर माह संपर्क अभियान के माध्यम से (सड़क से संसद तक, सरपंच से सांसद तक पंचायतों में प्रस्ताव पारित कराना आदि) ।
– जनवरी माह में सभी विकासखंड स्तरों पर रैली ।
– सभी जिलों में विभिन्न संगोस्ठीयां के कार्यक्रम ।
फरवरी माह 10 फरवरी 2023 को विशाल डीलिस्टिंग महारैली, राजधानी भोपाल में।
प्रान्त संयोजक सोहन सिंह ने बताया कि इस एक सूत्रीय मांग को लेकर मंच जब तक संघर्ष करता रहेगा जब तक की धर्मांतरित ईसाई और मुसलमानो को ST की पात्रता और परिभाषा से बाहर नहीं निकाला जाता। और इस हेतु संसद द्वारा 1970 से लंबित कानून नहीं बना दिया जाता।
◆ समिति रिपोर्ट :
“2 अ – कंडिका 2 में निहित किसी बात के होते हुये कोई भी व्यक्ति जिसने जनजाति, आदि मत तथा विश्वासों का परित्याग कर दिया हो और ईसाई या इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया हो, वह जनजाति का सदस्य नहीं समझा जाएगा।
– संयुक्त संसदीय समिति 10 जुलाई 1967 की सिफ़ारिश
इस प्रकार संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 में रही जिस अस्पष्टता का नाम धर्मातरित ईसाई बड़े स्तर पर आज भी उठा रहे है। जिसे दूर करने का प्रयास हुआ था। समिति का यह प्रयास संविधान के अनुच्छेद 341 में जो अनुसूचित जाति के लिए है वही नियम अनुच्छेद 342 अनुसूचित जनजाति के लिए चाहते है। इस कानून (अनुछेद 342) में बदलाव के बाद निश्चित हो संविधान में आरक्षण कि मंशा और डॉ बाबा साहब अंबेडकर जी के भविष्य के भारत का निर्माण हो सकेगा।