समरसता सेवा संगठन द्वारा रानी अवंतिबाई लोधी की जयंती पर विचार गोष्ठी एवँ सम्मान समारोह का आयोजन
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जबलपुर। समरसता सेवा संगठन द्वारा समरस भारत समर्थ भारत के वीरांगना रानी अवंतिबाई लोधी की जन्म जयंती पर विचार गोष्ठी एवँ सम्मान समारोह का आयोजन मुख्य अतिथि डॉ पं हरिशंकर दुबे, मुख्य वक्ता डॉ नूपुर देशकर, विशिष्ट अतिथि श्री राजेन्द्र सिंह, समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन, सचिव उज्ज्वल पचौरी की गरिमामय उपस्थिति में टिम्बर भवन महानददा में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ पं हरिशंकर दुबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा समरसता सेवा संगठन ने यह कार्यक्रम आयोजित किया है और समरसता का अर्थ सभी रसों का एक हो जाना, जिस तरह दूध और पानी जैसे मिलते है उसी भाव से व्यक्ति को व्यक्ति से, समाज को समाज से समरस होने की आवश्यकता है और समरसता सेवा संगठन ने जो पहल की है उससे हम निश्चित रूप से समरस भारत और समर्थ भारत की ओर बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा रानी अवंतिबाई लोधी की जन्मजयंती पर हम समरसता के भाव से आज एकत्र हुए है। हमारे देश मे अनेको वीर और वीरांगना हुई और हमारे इन महापुरुषों और महादेवियों को जानना है तो हमे इतिहास पढ़ना होगा, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को लोक गीतों, लोक गाथाओं, लोक कथाओं के माध्यम से भी जान सकते है। आज के युवाओ के लिये देश का सही इतिहास जानना होगा, महापुरुषों को जानना होगा उनके कृतित्व को जानना होगा इसके लिए इस तरह के आयोजन होना आवश्यक है।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ नूपुर देशकर ने कहा भारतीय संस्कृति को विदेशी आक्रमणकारियों ने छिन्न भिन्न करने का प्रयास किया उनमें मुगलों, डच, फ्रांसिस और अंग्रेजो ने भारत पर बार बार आक्रमण कर भारत को तोड़ने का प्रयास किया और हर बार भारतमाता की वीर सुपुत्रों और सुपुत्रियो ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए हर बार उन्हें परास्त किया और उन वीरांगनाओं में से एक थी हमारे मप्र के सिवनी जिले में जन्मी रानी अवंतिबाई लोधी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए मातृभूमि की रक्षा का संकल्प लिया। रानी अवंतिबाई के शासन काल मे समरसता का उदाहरण भी हमे देखने मिलता है उनके साथ हर जाति समाज के लोग, राजा महाराजा, जमीदार, मुस्लिम, जनजाति, क्षत्रिय, पिछड़े, दलित वर्ग के लोगो ने साथ आकर अंग्रेजो का विरोध किया और रानी अवंतिबाई ने इन सभी के साथ मिलकर युध्द नीति तैयार की और सभी को साथ लेकर उन्होंने उस काल मे समरसता का उदाहरण दिया।
कार्यक्रम में समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा समरसता सेवा संगठन का घोष वाक्य ही है सब सबको जाने और सब सबको माने और इसी वाक्य को लेकर हमने तय किया था कि हमारे संत, महापुरुष, आराध्य की जन्म जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन करेंगे और इसके माध्यम से विचारों को लोगो तक पहुँचाने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम में लोधी महासभा के अध्यक्ष श्री मुकेश सुलाखे लोधी, श्री रुद्रप्रताप सिंह लोधी, प्रदीप पटेल, डॉ शैलेश सिंह लोधी का सम्मान किया गया।
संगठन की ओर से राज भटनागर ने रानी अवंतिबाई लोधी के व्यक्तित्व और जीवनगाथा पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम की प्रस्तावना एवँ स्वागत भाषण सचिव उज्ज्वल पचौरी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन राजेश ठाकुर एवँ आभार सौरभ श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम में गोकुल केसरवानी, अरविंद पाठक, संजय यादव, श्याम सिंह ठाकुर, अरविंद लोधी, दीपक राठौर, किशन सिंह राठौर, मोना साहू, भोलेशंकर सोनी, चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, डॉ मुकेश पांडे, राकेश रूसिया, अनुज रजक, मनीष शिवहरे, ओंकार रजक के साथ समरसता सेवा संगठन के सदस्य उपस्थित थे।