प्लेटफार्म नंबर 6 के बाहर मौत का हादसा टला तेज रफ्तार अनियंत्रित SUV ने RPF आरक्षक को रौंदा…
पुलिस को नहीं दी खबर ...स्टैंड वालों ने ड्राइवर को जंजीरों से बांध कर की तालिबानी पिटाई..
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / विलोक पाठक
जबलपुर बीती रात लगभग 11:00 बजे एक तेज रफ्तार SUV अनियंत्रित हो गई , जो RPF आरक्षक को दबाती हुई सीधे पेड़ से जा टकराई । हादसे में आरक्षक घायल हो गया । उसे रेलवे अस्पताल में भर्ती किया गया है । इस घटना के बाद ड्राइवर जो कि नशे में था ने भागने की कोशिश की, जिसे स्टैंड वालों ने पकड़ लिया एवं उसे कमरे में बंदकर जमकर मारपीट की । जिससे वह भी घायल हो गया । ईतना ही नहीं स्टैंड वालों ने पुलिस को बुलाने की जरूरत नहीं समझी । घटना की सूचना लगने पर मीडिया वहाँ पहुंची एवं उन्होंने कंट्रोल रूम को सूचना दी । इसके कुछ समय बाद सिविल लाइन पुलिस के केवल दो जवान पहुंचे । जिन्होंने घायल ड्राइवर को जो की जंजीरों में बंधा हुआ था, को अपने कब्जे में लेकर थाने ले गए । वहीं घटना के बाद अपने साथी के घायल होने की सूचना पर पहुंची RPF ने अपने साथी को तुरंत रेलवे अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया । जहां वह खतरे से बाहर बताया जा रहा । घटना के लगभग 45 मिनट बाद पहुंचे RPF थाना प्रभारी ने घटना की जानकारी ली । उनसे जब मीडिया ने इस बाबत पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया ।
◆ यदि किसी ट्रेन का समय होता तो हो सकता था बड़ा हादसा….
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार जिस समय यह घटना हुई उस समय भीड़ नहीं थी, वहाँ केवल स्टैंड वाले ही बैठे थे ,जो बाल बाल बचे । यदि किसी ट्रेन का समय होता या कोई गाड़ी आई होती तो घटना कितनी भयावह होती इसका अंदाजा लगाना शायद मुश्किल है । लोगों के अनुसार ईश्वर की कृपा से कई लोग बच गए ।
◆ पुलिस को नहीं दी सूचना….
इतनी भयावह घटना होने के बाद भी पुलिस को सूचना न पहुंचना एवं स्वयं कानून हाथ में लेना यह लापरवाही का सबब है । घटना के तुरंत बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने जब मीडिया को खबर की तो मीडिया तुरंत वहां पहुंची । इसके बाद मीडिया ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी । जिससे आनन फानन में सिविल लाइन थाने के मात्र दो कर्मी पहुंचे । इसके पूर्व सिविल लाइन थाना प्रभारी को फोन लगाया गया परंतु उनका फोन नहीं उठा । मीडिया के कंट्रोल रूम फोन करने के बाद फिर स्टैंड वाले सूचना देने के लिए सिविल लाइन थाने औपचारिक पहुंचे । शहर में यदि कोई गंभीर अपराध हो जाए या कोई घटना हो जाए तो यह लापरवाही किसी दिन बड़ा रूप ले सकती है ।
◆ ड्राइवर को तालिबानी सजा….
घटना के बाद ड्राइवर को स्टैंड वालों द्वारा पकड़ लिया गया जिसे अंदर बंद कर जनता के सामने ही बुरी तरह मारा जिससे वह घायल हो गया । इतना ही नहीं बंद करके उसके हाथ पैरों को जंजीरों से बांध दिया गया । यदि ड्राइवर को पकड़ कर तुरंत पुलिस को सूचना देते तो शीघ्र कार्रवाई हो सकती थी । परंतु स्वयं कानून में हाथ लेकर जंजीरों से बांधना और फिर तालिबानी रूप से पीटना कहां तक उचित है । क्या कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को है ।
वहीं ड्राइवर के अनुसार वह पार्किंग में गाड़ी लेकर खड़ा था । वहां पहुंचे एक सिपाही ने उसे अलग करने के लिए कहा ड्राइवर ने हीला हवाली की तो सिपाही ने उसे दरवाजा खोलकर कालर पड़कर बाहर निकलना चाहा जिससे ड्राइवर के पैर से एक्सीलरेटर जोर से दब गया, जिससे गाड़ी अनियंत्रित हो गई, एवं तेज रफ्तार में सीधे जाकर पेड़ से टकराई । ड्राइवर ने स्वीकार किया कि वह नशे में था।
◆ वीडियो बनाने वालों के मोबाईल छुड़ाए स्टैंड वालों ने…..
ड्राइवर को पीटने की घटना का वीडियो कुछ लोगों ने बनाना चाहा जिनके मोबाइल स्टैंड वालों ने छुड़ा लिए बाद में पुलिस से शिकायत करने पर मोबाइल स्टैंड बालों से वापस दिलाए गए ।
बहरहाल जो भी हो परंतु यह घटना बताती है कि गंभीर मामले मैं जो लापरवाही हुई है वह कभी भी खतरे का सबब बन सकती है । घटना के बाद पुलिस को तुरंत सूचना देना प्रथम नागरिक कर्तव्य है । यदि समय पर पुलिस को सूचना मिलती तो कायर्वाही शीघ्र सम्भव हो सकती थी ।